सेना भारत-चीन सीमा पर 384 श्रमिकों को बचाने में सक्षम। अब तक आठ शव बरामद किए गए हैं। सेना का ऑपरेशन बीती रात से लगातार चल रहा है। मुख्यमंत्री और आपदा प्रबंधन मंत्री ने घटना स्थल का हवाई सर्वेक्षण किया। गौरतलब है कि सुमना के दो बीआरओ शिविरों में कुल 430 कार्यकर्ता और कर्मी मौजूद थे। जिनमें से 384 को सेना ने बचाया। 8 शव मिले हैं, 6 घायल हैं और 32 लापता बताए जा रहे हैं। सेना उन लोगों को खोजने के लिए बचाव अभियान में जुटी है।
भारत-चीन सीमा से लगे सुमना क्षेत्र में ग्लेशियर टूटने से बीआरओ के शिविर में रहने वाले सैकड़ों मजदूर इसकी चपेट में आ गए। घटना की सूचना पर, सेना ने बिना देरी के मोर्चा संभला और बचाव अभियान शुरू किया। देर रात तक वहां तैनात महार रेजिमेंट के जवानों ने करीब 150 लोगों को सुरक्षित निकाल लिया था।
ऑपरेशन बेरोकटोक जारी रहा। और सुबह तक सेना द्वारा 384 मजदूरों को सुरक्षित निकाल लिया गया था। जबकि आठ शव अब तक बरामद किए जा चुके हैं। इस बीच, राज्य के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत, आपदा प्रबंधन मंत्री डॉ। धन सिंह रावत और बद्रीनाथ के विधायक महेंद्र भट, सुमना क्षेत्र पहुंचे और घटना स्थल का हवाई सर्वेक्षण किया।
हवाई सर्वेक्षण से लौटने पर, मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि एवलच की घटना हुई है। और सेना और जिला प्रशासन लगातार टोही कार्रवाई में लगे हुए हैं। सेना पर पूरी रात बर्फ में भर्ती रहते हुए सैकड़ों मजदूरों को बचाया गया है। और उनकी प्रतिक्रिया अभी भी जारी है। मुख्यमंत्री ने सुमना में हुई घटना का तत्काल संज्ञान लेने और उन्हें हरसंभव मदद का आश्वासन देने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री को धन्यवाद दिया है।