चारधाम यात्रा में आने वाले श्रद्धालुओं को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिए मानक प्रचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी की गई। बाहरी राज्यों से आने वाले श्रद्धालु स्वास्थ्य संबंधित दिशानिर्देश को आसानी से समझ सके, इसके लिए हिंदी, अंग्रेजी के अलावा नौ स्थानीय भाषाओं में एसओपी तैयार की गई है। यात्रा मार्गों पर 50 स्थानों पर तीर्थयात्रियों के स्वास्थ्य की जांच की जाएगी। इसके अलावा मेडिकल रिलीफ प्वाइंट पर स्वास्थ्य मित्र तैनात किए जाएंगे।
10 मई को गंगोत्री, यमुनोत्री और केदारनाथ धाम के कपाट खुलने के साथ ही चारधाम यात्रा की शुरुआत हो जाएगी। चारधाम यात्रा में तीर्थयात्रियों को पहले से बेहतर स्वास्थ्य सुविधा देने के लिए स्वास्थ्य महकमे ने सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं। स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर राजेश कुमार ने चारधाम यात्रा की तैयारियों को लेकर सचिवालय में मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि यात्रा के लिए स्वास्थ्य विभाग ने एसओपी जारी कर दी है। राज्य सरकार यात्रा को सुगम एवं व्यवस्थित बनाने के लिए हरसंभव प्रयासरत कर रही है। पर्यटन विभाग के माध्यम से किए पंजीकरण में स्वास्थ्य पैरामीटर का कॉलम रखा गया है। जिसमें यात्री अपने स्वास्थ्य से सबंधित पूरी जानकारी भरेंगे, तो उन्हें जरूरत के समय इलाज में आसानी रहेगी।
तीर्थयात्रियों को सलाह
स्वास्थ्य विभाग ने एसओपी में यात्रियों को सलाह दी कि कम से कम सात दिन के लिए चारधाम यात्रा की योजना बनाएं। केदारनाथ और यमुनोत्री धाम में पैदल चढ़ते समय प्रत्येक एक से दो घंटे के बाद 5 से 10 मिनट तक विश्राम करें। यात्रा के लिए गरम कपड़े, बारिश से बचाव के लिए रेनकोट, छाता, स्वास्थ्य जांच के लिए पल्स ऑक्सीमीटर, थर्मामीटर साथ में रखें। हृदय रोग, उच्च रक्तचाप, अस्थमा, मधुमेह से ग्रसित यात्री जरूरी दवा और डॉक्टर का नंबर अपने पास रखें। यात्रा के दौरान सीने में दर्द, सांस की तकलीफ, चक्कर आना, उल्टी आने पर नजदीकी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र या मेडिकल रिलीफ में प्राथमिक उपचार लें।