Sunday, December 21, 2025
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दून लाइब्रेरी एंड रिसर्च सेंटर तथा SPECS द्वारा द देहरादून डायलॉग के अंतर्गत ठोस अपशिष्ट प्रबंधन पर तीसरा व्याख्यान आयोजित

देहरादून : दून लाइब्रेरी एंड रिसर्च सेंटर (DLRC) तथा SPECS द्वारा द देहरादून डायलॉग के अंतर्गत ठोस अपशिष्ट प्रबंधन पर तीसरा व्याख्यान गुरुवार को DLRC सभागार में आयोजित किया गया। कार्यक्रम में छात्रों, नागरिक समूहों, पर्यावरण विशेषज्ञों और विभिन्न संस्थानों के प्रतिनिधियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।

कार्यक्रम की शुरुआत में अनिल जग्गी ने द देहरादून डायलॉग और SPECS की अवधारणा व उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए ठोस अपशिष्ट प्रबंधन जैसे विषय की बढ़ती प्रासंगिकता को रेखांकित किया। उन्होंने दिन के वक्ताओं—वेस्ट वॉरियर्स सोसायटी, देहरादून के मयंक शर्मा और नवीन कुमार सदाना—का परिचय कराया।

दोनों वक्ताओं ने राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर बढ़ती अपशिष्ट चुनौती पर विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि भारत प्रतिदिन करीब 1.6 लाख टन ठोस अपशिष्ट उत्पन्न करता है, जिसमें से सिर्फ 60% संग्रहित और 20–25% ही संसाधित होता है। उत्तराखंड में यह मात्रा 1,600–1,800 टन प्रतिदिन है, जिसमें पर्वतीय नगरों को पर्यटन, सीमित भूमि और परिवहन चुनौतियों का अतिरिक्त दबाव झेलना पड़ता है।

व्याख्यान का मुख्य उद्देश्य सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) के अनुरूप अपशिष्ट में कमी, स्रोत-स्तर पर पृथक्करण और विकेन्द्रीकृत मॉडल को बढ़ावा देने के लिए जागरूकता फैलाना था। इस दौरान शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में उत्पन्न होने वाले अपशिष्ट के प्रकार, लैंडफिल पर निर्भरता कम करने तथा पर्यावरण हितैषी जीवनशैली अपनाने पर विस्तृत चर्चा हुई।

वेस्ट वॉरियर्स की टीम ने हर्रावाला (शहरी/पेरि-शहरी) और पर्यावरण सखी (ग्रामीण) जैसे दो सफल मॉडलों को प्रस्तुत करते हुए सामुदायिक सहभागिता, स्वयं सहायता समूहों की भूमिका, विकेन्द्रीकृत कम्पोस्टिंग और रीसाइक्लिंग नेटवर्क की सफलता को साझा किया।

सत्र में स्वच्छ भारत मिशन 2.0, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियम 2016, प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन नियम तथा उत्तराखंड में MRFs को मज़बूत करने, डोर-टू-डोर कलेक्शन बढ़ाने और विरासत कचरे की बायो-माइनिंग जैसी सरकारी पहलों पर भी विमर्श हुआ।

शून्य अपशिष्ट उत्तराखंड की दिशा में 100% स्रोत-स्तर पर कचरा पृथक्करण, वार्ड-स्तरीय कम्पोस्टिंग यूनिट बढ़ाने, SHGs व युवाओं को सिस्टम में शामिल करने, प्लास्टिक-फ्री ज़ोन को सुदृढ़ बनाने और रीसाइक्लिंग आधारित हरित आजीविकाओं को बढ़ावा देने जैसे सुझाव सामने आए।

SPECS के अध्यक्ष डॉ. बृज मोहन शर्मा ने समापन संबोधन में कहा कि ठोस अपशिष्ट प्रबंधन केवल तकनीकी विषय नहीं, बल्कि सामूहिक सामाजिक जिम्मेदारी है। उन्होंने नागरिकों से अपील की कि वे घरों और संस्थानों में कचरा पृथक्करण, प्लास्टिक उपयोग में कमी और कम्पोस्टिंग जैसे कदमों को अपने दैनिक जीवन में अपनाएँ।

कार्यक्रम में चंद्रशेखर तिवारी, हरी राज सिंह, रानू बिष्ट, डॉ. विजय गम्भीर, डॉ. बृज मोहन शर्मा, बलेन्दु जोशी, राम तीरथ मौर्या, डॉ. यशपाल सिंह, तथा फूलचंद नारी शिल्प इंटर कॉलेज, माया देवी यूनिवर्सिटी, पीपुल्स साइंस इंस्टिट्यूट के छात्र–छात्राओं सहित दून के नागरिक समुदाय के सदस्य—सीमा सिंह और रेनू जोशी उपस्थित रहे।

दून लाइब्रेरी एंड रिसर्च सेंटर ने सभी प्रतिभागियों का आभार व्यक्त किया और पर्यावरणीय मुद्दों पर संवाद तथा जागरूकता को आगे बढ़ाने की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया।

Ankur Singh
Ankur Singhhttps://hilllive.in
Ankur Singh is an Indian Journalist, known as the Senior journalist of Hill Live
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