Tuesday, December 23, 2025
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सांसद राज्यसभा डॉ. नरेश बंसल ने सदन मे सहकारी समितियों पर जीएसटी दर को तर्क संगत बनाने का असर का किया अतारांकित प्रश्न

भाजपा राष्ट्रीय सह कोषाध्यक्ष एवं सांसद राज्यसभा डॉ. नरेश बंसल ने सदन मे सहकारी समितियों पर जीएसटी दर को तर्क संगत बनाने का असर का अतारांकित प्रश्न किया।

डा. नरेश बंसल ने केन्द्रीय सहकारिता मंत्री से प्रश्न किया कि क्या सहकारिता मंत्री यह बताने की कृपा करेंगे किः-

क- क्या मंत्रालय ने डेयरी, खाद्य प्रसंस्करण, कृषि तथा ग्रामीण उद्यमों से जुडी सहकारी समितियों पर हाल ही में किए गए जीसएसटी दर के तर्कसंगतीकरण के संभावित प्रभावों का परीक्षण किया है।

ख- यदि हां तो तत्संबंधी ब्यौरा क्या है?

ग- क्या संशोधित जीएसटी दरों का डेयरी सहकारिताओं, किसान सहकारिताओं तथा प्रसंस्करण एवं मूल्य संवर्धन से जुडे स्वयं सहायता समूहों के सदस्यों की आय पर पड़ने वाले संभावित प्रभावों का कोई आकलन किया गया है और

घ- यदि हां तो तत्संबंधी ब्यौरा क्या है?

इस प्रश्न के उत्तर मे माननीय सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने जवाब दिया कि –

क से ख- सहकारी समितियों, विशेष रूप से देश भर में डेयरी, खाद्य प्रसंस्करण, कृषि और ग्रामीण उद्यम क्षेत्रों में काम करने वाली सहकारी समितियों पर हाल ही में जीएसटी को युक्तिसंगत बनाने का प्रभाव इस प्रकार हैः-

डेयरी क्षेत्र
1- दूध और पनीर पर जीएसटी को शून्य कर दिया गया है और मक्खन, घी, चीज, दूध के डिब्बे आदि पर जीएसटी को 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है।
2- डेयरी सहकारी समितियों पर संशोधित जीएसटी दरों का संभावित प्रभाव इस प्रकार से है
ऽ डेयरी किसानों को उनके उत्पादों को अधिक प्रतिस्पर्धी बनाकर सीधे बढ़ावा देना।
ऽ दूध और डेयरी उत्पादों की कीमतों में कमी के परिणामस्वरूप मांग में वृद्धि होगी जिससे डेयरी सहकारी समितियों के राजस्व में वृद्धि होगी।

खाद्य प्रसंस्करणः-
1- अधिकांश खाद्य वस्तुओं पर जीएसटी को संशोधित करके 5 प्रतिशत कर दिया गया हे। उदाहरण के लिए जैम और जेली फ्रुट पल्प, फ्रुट जूस आधारित पेय, चाकलेट, कार्न फ्लेक्स, आइस क्रीम, पेस्ट्री, केक, बिस्कुट आदि पर जीएसटी को 12/18 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है।
2- खाद्य प्रसंस्करण पर संशोधित जीएसटी दरों का संभावित प्रभाव इस प्रकार है
ऽ कम दरों से उक्त उत्पादों की मांग को बढ़ावा मिलेगा जिससे खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र की सहकारी समितियों के राजस्व में वृद्धि होगी।

कृषि और ग्रामीण उद्यम क्षेत्र
अमोनिया, सल्फ्यूरिक एसिड, नाइट्रिक एसिड जैसी उर्वरक निविष्टियों पर जीएसटी को 18 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है और कई जैव कीटनाशकों और कई माइक्रोन्यूट्रिएंटस पर जीएसटी को 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है। इसके अलावा 1800 सीसी क्षमता से नीचे के ट्रैक्टरों पर जीएसटी को घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है और टायर, ट्यूब और हाइड्रोलिक पंपों आदि जैसे के ट्रैक्टर के घटकों पर जीएसटी को घटाकर 18 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है।
2- कृषि और ग्रामीण उद्यम क्षेत्र में लगी सहकारी समितियों पर संशोधित जीएसटी दरों का संभावित प्रभाव इस प्रकार से हैः-
ऽ उर्वरक कंपनियों के लिए निविष्ट लागत में कमी के परिणामस्वरूप उर्वरक के दाम में कमी आएगी।
ऽ किफायती उर्वरक की समय पर उपलब्धता।
ऽ किफायती जैव आधारित निविष्टियों की उपलब्धता किसानों को रासायनिक कीटनाशकों से जैविक कीटनाशकों का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करती है, जिससे मिट्टी के स्वास्थ्य और फसल की गुणवत्ता में सुधार होता है।
ऽ छोटे किसानों और किसान उत्पादक संगठनों (FPOs) को सीधा लाभ।

(ग) से (घ):- जीएसटी की दरों में कमी से असंगठित क्षेत्र में सहकारी उत्पादों की प्रतिस्पर्धात्मक बढ़ने की उम्मीद है, जिससे ब्रांडो के बाजार में हिस्सेदारी बढ़ेगी और उपभोक्ता विश्वास और खाद्य सुरक्षा सशक्त होगी। उच्च बिक्री और बेहतर मार्जिन से सहकारी समितियों को अतिरिक्त अधिशेष उत्पन्न करने में मदद मिलने की संभावना है, जिसके परिणामस्वरूप सदस्यों को उच्च प्रापण मूल्यों के माध्यम से लाभ पहुंचाया जा सकता है। उदाहरण के लिए, वर्तमान में उपभोक्ता कीमतों का लगभग 80 प्रतिशत डेयरी किसानों को दिया जाता है, जो जीएसटी युक्तिसंगतीकरण के परिणामस्वरूप लगभग 85 प्रतिशत तक बढ़ने की उम्मीद है।

बेहतर मूल्य प्रतिस्पर्धात्मकता से मांग बढने की उम्मीद है, जिससे अनौपचारिक उत्पादकों और महिला नेतृत्व वाले स्व-सहायता समूहों के सहकारी समितियों के साथ जुडने के लिए प्रोत्साहित होने की संभावना है, जिससे बेहतर बाजार पहुंच उपलब्ध होगी और इसके परिणामस्वरूप सभी राज्यों/संघ राज्यक्षेत्रों में स्व-सहायता समूहों के लिए आय के बेहतर अवसर पैदा होंगे।

Ankur Singh
Ankur Singhhttps://hilllive.in
Ankur Singh is an Indian Journalist, known as the Senior journalist of Hill Live
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