विधानसभा चुनाव 2022 में हार के बाद कांग्रेस में शुरू हुई रार पर प्रदेश नेतृत्व ने सख्ती से लिया है। पूर्व सीएम हरीश रावत और नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह के खिलाफ सोशल मीडिया पर जारी बयानबाजी पर कार्रवाई की जाएगी। पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेताओं को ऐसे नेताओं के कमेंट के स्क्रीन शॉट जुटाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने दो टूक कहा कि यह वक्त कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाने का है न कि आपस में आरोप प्रत्यारोप करना का। इस आचरण को किसी भी सूरत में बर्दास्त न किया जाएगा। सूत्रों के अनुसार गोदियाल जल्द ही दिल्ली जाकर संगठन के मुद्दों पर हाईकमान से मुलाकात करेंगे।
चुनाव नतीजों के आने के बाद से रावत और प्रीतम कैंप के बीच सोशल मीडिया पर जंग छिड़ी है। चुनाव में मिली हार के लिए दोनों कैंप एकं दूसरे को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। दो दिन से लगातार जारी इस लड़ाई की वजह से कांग्रेस काफी किरकिरी हो रही है। प्रदेश महामंत्री-संगठन मथुरादत्त जोशी ने बताया कि लोकतंत्र में चुनाव में हार-जीत चलता रहता है।
नतीजे अपने अनूकूल न आने पर पुरानी गलतियों से सबक लेकर नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़ा जाता है। पर, देखा जा रहा है कि सोशल मीडिया पर पार्टी के कार्यकर्ता आपत्तिजनक कमेंट कर रहे हैं। यह गंभीर अनुशासनहीनता है।
कांग्रेस से फिसलेगी राज्यसभा की सीट भी
विधानसभा चुनाव में हार के साथ ही कांग्रेस के हाथ से राज्यसभा की अपनी इकलौती सीट भी फिसलने जा रही है। राज्य की तीन राज्यसभा सीटों में इस वक्त दो से भाजपा नेता अनिल बलूनी और नरेश बंसल सांसद है।
जबकि तीसरी सीट पर कांग्रेस के प्रदीप टम्टा सांसद है। टम्टा का कार्यकाल इस साल चार जुलाई को खत्म हो जाएगा। टम्टा पांच जुलाई 2016 को राज्यसभा के सांसद बने थे। विधानसभा में संख्याबल के अनुसार कांग्रेस इस स्थिति में नहीं हैकि वो राज्यसभा का चुनाव जीत पाए। 70 की विधानसभा में कांग्रेस के केवल 19 विधायक हैं। जबकि भाजपा के पास 47 विधायक हैं।