देवस्थानम बोर्ड पर पंडों पुरोहितों के चल रहे विरोध के बीच अब विश्व हिंदू परिषद भी इसमें शामिल हो गया है।विहिप इस मामले में केंद्र सरकार से वार्ता करेगा। विश्व हिंदू परिषद के नेता आलोक कुमार ने कहा कि हमने अपने मंदिरों के लिए केंद्र सरकार से भी बात की है. पूछा है कि आप गुरुद्वारों और मस्जिदों का प्रबंधन नहीं करते हैं, तो हमारे मंदिर आपके कब्जे में क्यों हैं।
उन्होंने कहा कि केंद्र में कानून बनाया जाए और हमारे मंदिर लौटा दिए जाएं. वहीं, चारधाम तीर्थ पुरोहित हक-हकुकधारी महापंचायत समिति और अखिल भारतीय तीर्थ पुरोहित महासभा ने विश्व हिंदू परिषद को खुला समर्थन दिया है. पुरोहित महासभा के अध्यक्ष महेश पाठक ने फिर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को पत्र भेजा है. उन्होंने मांग की है कि इस बोर्ड को तत्काल भंग किया जाए।
केदारनाथ में तीर्थपुरोहितों का धरना जारी
केदारनाथ में देवस्थानम बोर्ड के विरोध में तीर्थपुरोहितों का धरना-प्रदर्शन 38वें दिन भी जारी रहा। उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी व पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज से यथाशीघ्र बोर्ड को भंग करने की मांग की। मंगलवार को आचार्य संजय तिवारी के नेतृत्व में केदारनाथ में तीर्थपुरोहितों ने मंदिर परिसर में धरना दिया। उनका कहना था कि आंदोलन के 38 दिन बाद भी शासन, प्रशासन व बोर्ड ने उनकी सुध नहीं ली है।
सरकार और उसके लोग बार-बार कह रहे हैं कि देवस्थानम बोर्ड में तीर्थपुरोहितों और हक-हकूकधारियों के अधिकार पूरी तरह से सुरक्षित हैं। यदि हां, तो उन्हें उस अधिनियम की प्रतियां दी जानी चाहिए जिसमें इसका उल्लेख है। उन्होंने कहा कि बोर्ड को भंग करने की उनकी एक सूत्रीय मांग है, जिसे पूरा करने के बाद ही आंदोलन समाप्त होगा. इस अवसर पर अंकुश शुक्ल, प्रवीण शुक्ल, ऋषि अवस्थी आदि उपस्थित थे।
पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और स्वास्थ्य शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने देवस्थानम बोर्ड को लेकर कहा कि बोर्ड के गठन से पूर्व विभिन्न प्रदेशों के मठ मंदिरों के ट्रस्ट और श्राइन बोर्डों का अध्ययन किया गया है। इसके बाद ही प्रदेश में देवस्थानम बोर्ड बनाया गया है। जो लोग इसका विरोध कर रहे हैं वे यह स्पष्ट नहीं बता पा रहे हैं कि उनकी आपत्ति आखिर किस बात पर है। मौके पर मंत्री डा. धन सिंह रावत ने पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह के चार वर्षों के कार्यकाल की सराहना की।
मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सीएमएस रावत ने कहा कि प्रदेश में हर वर्ष एक लाख यूनिट खून की जरूरत होती है लेकिन 15 से 20 हजार तक की उपलब्ध हो पाता है। कार्यक्रम में भाजपा के वरिष्ठ नेता बृजभूषण गैरोला, समशेर सिंह, डा. केएस बुटोला, डा. सतीश कुमार, डा. रचित गर्ग, भाजपा जिलाध्यक्ष संपत सिंह रावत, नगर मंडल अध्यक्ष गिरीश पैन्यूली आदि मौजूद थे।