चारधाम यात्रा पर हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी कर ली है. न्यायिक मामलों के जानकारों से चर्चा करने के बाद अब सरकार कभी भी सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर सकती है.
सरकार के प्रवक्ता सुबोध उनियाल ने दी जानकारी
सरकार के प्रवक्ता सुबोध उनियाल ने चारधाम यात्रा पर सरकार के अगले कदम से जुड़े सवाल पर यह जानकारी दी. उनियाल ने कहा कि चारधाम यात्रा को लेकर हाईकोर्ट ने मुख्य सचिव को निर्देश दिया था कि कैबिनेट बैठक में सरकार विचार करे.
यात्रा की शुरुआत सीमित संख्या में करने का निर्णय लिया गया
कोर्ट के निर्देश पर कैबिनेट की बैठक बुलाई गई थी. सभी परिस्थितियों को देखने के बाद कैबिनेट ने तय किया कि एक जुलाई से संबंधित जिलों के लोगों के लिए धामों में यात्रा शुरू की जाएगी. यात्रा सीमित संख्या में शुरू करने का निर्णय लिया गया।
सरकार ने सुप्रीम कोर्ट जाने का फैसला किया है
उनियाल ने कहा कि पिछले साल जुलाई में एक दिन में गंगोत्री धाम जाने वाले तीर्थयात्रियों की अधिकतम संख्या 70 थी. इसी तरह एक दिन में 40 तीर्थयात्री यमुनोत्री धाम, 180 केदारनाथ धाम और सबसे अधिक 400 तीर्थयात्री बद्रीनाथ धाम पहुंचे. उन्होंने कहा कि उस समय यात्रा पूरे देश के लिए खुली थी।
चारों धामों में 750 से ज्यादा यात्री नहीं रहेंगे
उनियाल के मुताबिक 1 जुलाई से यात्रा शुरू करने का फैसला लिया गया कि चारों धामों में 750 से ज्यादा यात्री नहीं होंगे. इसके लिए 15 दिन पहले देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड और संबंधित जिला प्रशासन को यात्रा की तैयारी करने के आदेश दिए गए थे, लेकिन जब यात्रा शुरू होने का समय आया तो कोर्ट ने स्थगनादेश दे दिया।
बताया कि सरकार ने हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने का फैसला किया है. इसे तैयार किया गया है। जल्द ही सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की जाएगी.