देहरादून: उत्तराखंड से एक बड़ी खबर सामने आ रही है। माना जा रहा है कि गैरसैंण में होने वाले शीतकालीन सत्र में सीएम पुष्कर सिंह धामी पूर्व सीएम त्रिवेन्द्र का बड़ा फैसला पलट सकते हैं। जी हां गैंरसैंण में देवस्थानम् बोर्ड को भंग करने का ऐलान हो सकता है। सरकार ने आखिरकार देवस्थानम बोर्ड को वापस लेने का मन बना ही लिया है। इसको लेकर लंबे समय से विरोध हो रहा था।
बीते बुधवार शाम भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने इस संबंध में स्पष्ट संकेत दे दिए हैं। दरअसल चारधाम के पुरोहित और हकहकूकधारी लंबे समय से देवस्थानम बोर्ड का विरोध कर रहे थे। उनका कहना था कि देवस्थानम बोर्ड चार धाम में दखलंदाजी करना चाह रहा था। सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत की सरकार ने इस बोर्ड का गठन किया था। लंबे समय से सभी धामों में इस बोर्ड को वापस लेने की बात कही जा रही थी। इसी बीच मदन कौशिक ने बोर्ड को वापस लेने के संकेत दे दिए हैं।
उन्होंने कहा है कि जल्द ही सरकार देवस्थानम बोर्ड को लेकर बड़ा ऐलान करने वाली है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार भावनाओं के अनुरुप ही देवस्थानम बोर्ड पर फैसला लेगी।
गैरसैंण से होगा बड़ा ऐलान!
माना जा रहा है कि आगामी शीतकालीन सत्र में गैरसैंण से सीएम पुष्कर सिंह धामी पूर्व सीएम त्रिवेन्द्र के इस फैसले को पलट सकते हैं। दरअसल चुनावों के नजदीक आते ही देवस्थानम बोर्ड को लेकर अब धामी सरकार नरम पड़ती दिखाई दे रही है। सरकार कोई रिस्क नहीं लेना चाहती। लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे तीर्थ पुरोहितों के आक्रोश के आगे धामी सरकार नरम पड़ गई है और जल्द ही देवस्थानम बोर्ड पर बड़ा फैसला ले सकती है। माना जा रहा है कि यह फैसला देवस्थानम बोर्ड को रद्द करने का हो सकता है।
भंग होगा देवस्थानम् बोर्ड?
बताया जा रहा है कि सरकार देवस्थानम एक्ट को वापस ले सकती है। इसका ऐलान अगले एक-दो दिन में हो सकता है। भाजपा की सरकार में पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत की अगुवाई में प्रदेश के चारों धाम के साथ-साथ पहाड़ के 51 अन्य मंदिरों को सम्मिलित करते हुए देवस्थानम बोर्ड बनाया गया था। जिसके बनने के बाद से ही लगातार इसका विरोध हो रहा है। लगातार तीर्थ पुरोहितों के विरोध के चलते अब उत्तराखंड सरकार ने देवस्थान में एक्ट को वापस लेने का मन बना लिया है। इसको लेकर कभी भी ऐलान हो सकता है।