रुद्रप्रयाग। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तत्वावधान में डेंगू रोग की रोकथाम व नियंत्रण के दृष्टिगत डेंगू रोकथाम माह शुरू हो गया है, जिसके तहत जहां गोष्ठी का आयोजन कर डेंगू रोग से बचाव को जागरूक किया गया। वहीं अंतरविभागीय बैठक कर संबंधित विभागों को डेंगू रोकथाम के लिए जरूरी एहतियाती कदम उठाने की अपील की गई।
अंतरविभागीय बैठक में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा एचसीएस मर्तोलिया ने कहा कि हर वर्ष 16 मई का दिन राष्ट्रीय डेंगू दिवस के रूप में मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि डेंगू रोग का संचरण काल प्रमुखतः माह जुलाई से माह नवंबर तक रहता है। स्वास्थ्य विभाग आमजन को डेंगू से सुरक्षित रख सके, इसके दृष्टिगत डेंगू रोकथाम व नियंत्रण को लेकर 16 मई से 15 जून तक डेंगू रोकथाम माह का आयोजन किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि डेंगू रोकथाम का सबसे अच्छा उपाय यह है कि डेंगू रोग फैलाने वाले मच्छर के लार्वा पनपने की संभावनाओं को नष्ट किया जाए। इसके लिए जरूरी है कि लार्वा निरोधात्मक कार्यवाही (सोर्स रिडक्शन), चिन्हित स्थलों पर फागिंग, डेंगू से बचने के लिए जरूरी व्यवहार अपनाने को लेकर जागरूकता आदि गतिविधियों को लेकर स्वास्थ्य, पेयजल, नगर पालिका, परिवाहन, शिक्षा आदि विभाग मजबूत समन्वय स्थापित कर कार्य करें।
साथ ही उन्होंने बताया कि डेंगू रोधी माह के अंतर्गत आशा कार्यकर्ती प्रत्येक दिन 30 से 40 घरों में भ्रमण कर डेंगू रोग के कारण, बचाव व उपाय के बारे में जानकारी देने के साथ, डेंगू लार्वा निरोधक कार्यवाही करेंगी।
वहीं, डेंगू रोकथाम माह के अंतर्गत जीजीआईसी रुद्रप्रयाग, गहड़खाल, बजीरा, नगरासू, कोठगी, मचकंडी, दिगधार, बसुकेदार, सौंराखाल, जवाड़ी, स्यूर, भ्यूंता आदि स्थानों में जागरूकता गोष्ठी का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर एपिडेमियोलॉजिस्ट डॉ शाकिब हुसैन ने बताया कि रुके हुए पानी में डेंगू का मच्छर पनपने की आशंका बनी रही है, लिहाजा डेंगू से बचने के घरों के आस- पास पानी एकत्रित न होने दें।
उन्होंने जल भंडारण की वस्तुओं को ढक कर रखने, कूलर, फूलदान, टंकी आदि ऐसी चीजें जहां पानी एकत्र हो सकता है। वहां पानी एकत्र न होने देंने व इन स्थानों पर सप्ताह में एक बार सफाई करने पर जोर दिया। कहा कि डेंगू के मच्छर से बचाव हेतु पूरी बांहों वाले कपड़े पहनने, मच्छरदानी, मच्छर नाशक क्रीम, स्प्रे आदि का प्रयोग करना चाहिए।
उन्होंने बताया कि आकस्मात तेज सिर दर्द, बुखार होना, मांसपेशियों तथा जोड़ो में दर्द होना, शरीर में लाल चकते आना इसके लक्षण हैं।
डेंगू का लक्षण होने पर उन्होंने चिकित्सकीय परामर्श लेने की अपील की है। अंतर विभागीय बैठक में स्वजल से पवींद्र कुमार, आईसीडीएस से सोनम भंडारी, पशुपालन विभाग से जयकृत सिंह, शिक्षा विभाग से आशुतोष गौड़, जल संस्थान से सोनू बिष्ट आदि मौजूद रहे।