साइबर ठगों के चंगुल में फंसे धन को वापस लाने के लिए एसटीएफ अपने तंत्र को और मजबूत कर रहा है। इसके लिए इसी महीने हेल्पलाइन शुरू होने जा रही है। साइबर ठगों से पैसे वापस पाना पहले के मुकाबले आसान होगा। यह हेल्पलाइन केंद्रीय गृह मंत्रालय के सहयोग से बनाई जा रही है।
पुलिस के आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक एसटीएफ और साइबर थाना के कर्मचारियों की ऑनलाइन और ऑफलाइन ट्रेनिंग भी पूरी कर ली गई है। जल्द ही इसका डेडिकेटेड नंबर भी जारी किया जाएगा। बताया जा रहा है कि इसी महीने इस हेल्पलाइन का उद्घाटन किया जाएगा। इसके बाद लोग इस पर अपनी शिकायत दर्ज करा सकेंगे।
दरअसल, पिछले कुछ दिनों में साइबर फ्रॉड के चलन में बड़ा बदलाव आया है। यह परिवर्तन ठगी गई राशि के संचलन के संबंध में है। पहले साइबर ठग एक या दो अकाउंट का इस्तेमाल करते थे। इनमें पैसे ट्रांसफर कर निकाले जाते थे।
यदि समय पर शिकायत हुई तो एसटीएफ व साइबर थाना पुलिस संबंधित खातों को फ्रीज कराकर रकम वापस करा देती थी, लेकिन यदि किन्हीं कारणों में शिकायत में देरी हुई तो यह रकम वापस नहीं होती थी। लेकिन अब साइबर ठग 10 से 15 खातों में राशि ट्रांसफर कर देते हैं। ऐसे में सभी बैंकों से ईमेल या अन्य माध्यम से संपर्क करना बेहद मुश्किल हो जाता है। इससे इन खातों और वॉलेट को फ्रीज नहीं किया जा सकता है।
हेल्पलाइन नंबर आने के बाद लोग इसकी शिकायत कर सकेंगे। इससे एसटीएफ और साइबर पुलिस जल्द से जल्द बैंकों से संपर्क कर सकेगी। सूत्रों के अनुसार गृह मंत्रालय के साइबर पोर्टल पर सभी बैंकों के नोडल अधिकारियों के पते भी लिखे जाएंगे। ताकि जल्द से जल्द उनसे संपर्क कर लोगों को ठगी गई रकम वापस मिल सके।
बताया जा रहा है कि उत्तराखंड पुलिस ने यह हेल्पलाइन जारी करने के लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा था। उत्तराखंड देश के उन तीन राज्यों में से एक है जहां यह हेल्पलाइन 24 घंटे संचालित की जाएगी। कुछ राज्यों को इसके लिए सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक का समय मिला है। पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश में भी इस हेल्पलाइन पर काम चल रहा है।