अखिल भारतीय युवा साधु समाज और चारधाम तीर्थ पुरोहितों की चेतन ज्योति आश्रम में रविवार को आयोजित संयुक्त बैठक में देवस्थानम बोर्ड को भंग करने की मांग उठाई गई। सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि राज्य सरकार अगर 30 अक्तूबर तक चारधाम देवस्थानम बोर्ड वापस नहीं लेती है तो चारों धामों के तीर्थ पुरोहित और संत समाज एक नवंबर से राष्ट्रव्यापी आंदोलन शुरू करेगा।
वक्ताओं ने कहा कि दीपावली पर तीर्थ पुरोहित और साधु समाज देवस्थानम बोर्ड के विरोध में घरों व मंदिरों में अंधेरा कर विरोध जताएगा। अखिल भारतीय युवा साधु समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष महंत शिवम ने कहा कि सरकार सनातनी परंपराओं के साथ खिलवाड़ कर रही है।
देवस्थानम बोर्ड भंग नहीं होने पर युवा साधु समाज देशभर में आंदोलन शुरू करेगा। चारधाम महापंचायत के संयोजक सुरेश सेमवाल ने कहा कि सरकार देवस्थानम बोर्ड को तत्काल भंग करे। एक नवंबर के बाद तीर्थ पुरोहित आंदोलन शुरू करेंगे।
चेतन ज्योति आश्रम के श्रीमहंत संजय ने कहा कि देश और प्रदेश की सरकारें सनातन परंपराओं के साथ छेड़खानी कर रही हैं, जिसे बरदाश्त नहीं किया जाएगा। बैठक में संत जगजीत सिंह, स्वामी अनंतानंद, महंत प्रेम आनंद शास्त्री, महंत शिवानंद, शिवम महंत, हरेंद्र मुनि, अन्नतानंद, महेश सेमवाल, राजेश सेमवाल, अनिरुद्ध उनियाल आदि उपस्थित रहे।
भारतीय हिंदू वाहिनी के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रमोहन कौशिक ने चारधाम यात्रा अतिशीघ्र शुरू करने की मांग की है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को ज्ञापन भेजकर कौशिक ने कहा कि हरिद्वार समेत कई जिलों के व्यापारियों का व्यवसाय चारधाम यात्रा पर निर्भर है। कोविड संक्रमण कम होने से स्कूल, कॉलेज, सिनेमा हॉल, फैक्टरी और मॉल सब खुल गए हैं, लेकिन हिंदुओं की आस्था का केंद्र और उत्तराखंड के व्यवसायियों की आजीविका का मुख्य स्रोत चारधाम यात्रा बंद है। उन्होंने कहा कि जन भावनाओं के अनुरूप अति शीघ्र चारधाम यात्रा प्रारंभ की जाए।
गंगा रक्षा आंदोलन को फिर से धार देने के लिए देशभर के गंगा भक्त हरिद्वार में जुटेंगे। ब्रह्मचारी आत्मबोधानंद के अनशन को एक महीने पूरे होने पर 19 सितंबर को मातृ सदन में बैठक कर आंदोलन के लिए रणनीति बनाई जाएगी। गंगा रक्षा संबंधी छह मांगों को लेकर मातृ सदन आश्रम की ओर से एक बार फिर आंदोलन शुरू कर दिया गया है।
18 अगस्त से ब्रह्मचारी आत्मबोधानंद अनशन कर रहे हैं। मातृ सदन के अनुसार, मांगों को लेकर कई बार आश्वासन और पत्र दिए जा चुके हैं, लेकिन अभी तक कोई कदम नहीं उठाए गए हैं। इसी वजह से आत्मबोधानंद अनशन कर रहे हैं। उनके अनशन को 26 दिन हो चुके हैं।
मातृ सदन के परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद सरस्वती ने कहा कि 19 सितंबर को गंगा संरक्षण समेत अन्य मांगों को पूूरा कराने के लिए मातृ सदन में बैठक होगी। इसमें देश के विभिन्न क्षेत्रों से गंगा भक्त और पर्यावरणविद् भाग लेंगे। बैठक में चर्चा कर आंदोलन की आगे की रणनीति बनाई जाएगी।