देवस्थानम बोर्ड के विरोध में केदारनाथ में तीर्थपुरोहित काला फीता बांधकर मौन आंदोलन कर रहे हैं। उन्होंने सरकार पर उपेक्षा आरोप लगाया है।
इससे पहले चारधाम देवस्थानम बोर्ड के विरोध में श्रद्धालुओं ने प्रदर्शन करते हुए पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज का पुतला फूंका। साथ ही बोर्ड को रद्द करने की मांग को लेकर जमकर नारेबाजी की। उन्होंने कहा कि अगर जल्द ही बोर्ड रद्द नहीं किया गया तो वे उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।
उन्होंने बोर्ड में मनोनीत सदस्यों का चयन रद्द करने की भी मांग की। केदारनाथ में लगातार तीन दिनों से तीर्थयात्री देवस्थानम बोर्ड का विरोध करते हुए काली फीता बांधकर मंदिर परिसर में धरना दे रहे हैं।
Priests sit on a silent protest outside the Kedarnath temple, demanding that the Uttarakhand Char Dham Devasthanam Management Board be disbanded. Their protest has entered the third day today. pic.twitter.com/Ixitq7inYB
— ANI (@ANI) June 13, 2021
कहा कि वे पिछले साल बोर्ड के गठन से पहले आंदोलन करते रहे हैं, लेकिन सरकार द्वारा उनकी अनदेखी की जा रही है. स्थिति यह है कि बोर्ड भंग होने के बाद इसे बढ़ाया जा रहा है, जो तीर्थयात्रियों की भावनाओं के खिलाफ है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार उत्तराखंड में चारधाम यात्रा और मंदिरों पर कब्जा करने की रणनीति तैयार कर रही है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
कहा कि तीर्थपुरोहितों व हक-हकूकधारियों को बिना विश्वास में लेकर सरकार द्वारा पहले बोर्ड का गठन किया गया और अब उसे विस्तार दिया जा रहा है, जो उचित नहीं है। कहा कि तीरथ सिंह सरकार ने बोर्ड को भंग करने की बात कही थी, लेकिन लगभग ढाई माह बाद भी इस दिशा में कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है।
बोर्ड का एकजुट होकर विरोध करते हुए मांग पूरी होने तक आंदोलन जारी रहेगा। इस अवसर पर अंकुर शुक्ला, अंकित सेमवाल, प्रवीण तिवारी, संतोष त्रिवेदी आदि उपस्थित थे।