दून आईआईपी ने खोजी ऑक्सीजन बनाने की नई तकनीक
देहरादून आईआईपी के वैज्ञानिकों ने हवा से सस्ती ऑक्सीजन तैयार करने की तकनीक ईजाद की है। इससे कम खर्च पर छोटे अस्पतालों में ऑक्सीजन उत्पादन हो सकेगा।
कोविड के बढ़ते संक्रमण से संकट में घिरे देश के लिए आईआईपी की यह तकनीक वरदान साबित हो सकती है। काउंसिल ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रीयल स्सिर्च-इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पेट्रोलियम ( सीएसआईआर- आईआईपी) के वैज्ञानिकों ने प्रति मिनट पांच सौ लीटर क्षमता का प्लांट स्थापित किया गया है। ये प्लांट पचास से साठ बिस्तर वाले छोटे अस्पताल के लिए पूरी तरह उपयुक्त है।
इस प्लांट की लागत लगभग 40 लाख तक है। सौ लीटर प्रति मिनट यूनिट वाले प्लांट पर 47 लाख तक खर्च आएगा। आईआईपी द्वारा तैयार ऑक्सीजन की कीमत 13 रुपये प्रति मीटर क्यूब है, जिसका खर्च सिलेंडर वाली ऑक्सीजन से आधा है। निदेशक डा.अंजन रे के मुताबिक किसी भी अस्पताल में प्लांट चार हफ्ते में स्थापित किया जा सकता है। ऐसे मिलती है हवा से ऑक्सीजन प्लांट में हवा के दबाव के लिए एक्जोबन (सॉलिड मेटेरियल) डाला जाता है।
इसकी लाइफ पांच साल होती है । मशीन में 2 कॉलम होते हैं। दोनों एक साथ काम करते हैं। एक मशीन में प्रेशर के साथ हवा पास की जाती है। इससे वह नाइट्रोजन को एब्जॉर्ब कर देता है और ऑक्सीजन को अलग कर देता है। ऑक्सीजन बनाने में सिर्फ बिजली का ही खर्च है।
ऑक्सीजन प्लांट लगाने के लिए फैब्रिकेटर की पहचान कर ली गई है। देश के किसी भी अस्पताल में इस प्लांट को आसानी से लगाया जा सकता है। ऑक्सीजन सिलेंडर की तुलना में इसकी लागत भी करीब आधी होगी। कर्मचारी दूर बैठे ही प्लांट की निगरानी कर सकते हैं। –डा शेखर मांडे, महानिदेशक सीएसआईआर