Door of Badrinath Dham closed : आज शनिवार को भगवान बद्रीविशाल के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए हैं। कपाट बंद होने के दिन 10 हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने बदरी विशाल के दर्शन किये। इस दौरान बदरीनाथ मंदिर को 15 क्विंटल गेंदे के फूलों से सजाया गया। वहीं सिंह द्वार परिसर में गढ़वाल स्कॉट के बैंड की भक्तिमय धुनों से संपूर्ण बदरीनाथ धाम गुंजायमान हुआ। धाम जय बदरीविशाल के उदघोष से गूंज उठा।
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इस वर्ष की चारधाम यात्रा का भी समापन हो गया | Door of Badrinath Dham closed
बदरीनाथ के कपाट बंद होने के साथ ही इस वर्ष की चारधाम यात्रा का भी समापन हो गया है। कपाट बंद होने से पहले मुख्य पुजारी रावल ईश्वर प्रसाद नंबूदरी स्त्री वेश धारण कर माता लक्ष्मी की प्रतिमा को भगवान बदरी-विशाल के धाम के गर्भगृह में प्रतिष्ठापित किया। जिसके बाद पुजारी उद्धव जी और कुबेर जी को मंदिर प्रांगण में लाये गये। दोपहर 3:33 बजे पर भगवान बदरीनाथ के कपाट बंद कर दिए गये। वहीं भगवान बदरी-विशाल के कपाट बंद होने के बाद लोगों को मंदिर तक जाने की अनुमति नहीं दी जाती है।
BKTC अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने कहा कि बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने की प्रक्रिया के तहत शुक्रवार को माता लक्ष्मी की पूजा कर उन्हें बदरीनाथ मंदिर के गर्भ गृह में विराजमान होने का आमंत्रण दिया गया था। इस दौरान मंदिर में पूजा अर्चना की गई।
लक्ष्मी मंदिर के पुजारियों ने की मां लक्ष्मी की पूजा | Door of Badrinath Dham closed
बता दे शुक्रवार को धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल और वेदपाठी रविंद्र भट्ट और लक्ष्मी मंदिर के पुजारियों ने मां लक्ष्मी की पूजा की और उन्हें कढ़ाही भोग लगाया। आज धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए। इस अवसर पर BKTC उपाध्यक्ष किशोर पंवार, मुख्य कार्याधिकारी योगेंद्र सिंह, मंदिर अधिकारी राजेंद्र चौहान, दिनेश डिमरी, श्रीराम डिमरी, विपुल डिमरी, विवेक थपलियाल आदि मौजूद रहे।
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