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उत्तराखंड में महिला प्रोफेसर खुदकुशी मामले की गूंज, क्या जुल्म और प्रताणना के प्रेशर में दी जान?

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पौड़ी गढ़वाल: एक बात तो तय है कि गोविंद बल्लभ पंत इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग टेक्नोलॉजी घुड़दौड़ी की असिस्टेंट प्रोफेसर मनीषा भट्ट की आत्महत्या कोई छोटा मोटा केस नहीं है।

अब जो बातें सामने आ रही हैं, वो हैरान कर देने वाली हैं। सबसे पहले आपको बतातें हैं कि आखिर हुआ क्या है? गोविंद बल्लभ पंत इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग टेक्नोलॉजी घुड़दौड़ी की असिस्टेंट प्रोफेसर मनीषा भट्ट ने अपनी खत्म करने के लिए आत्महत्या का रास्ता चुना।

उनकी मौत के बाद उनके पति ने इंजीनियरिंग कॉलेज के निदेशक और विभागाध्यक्ष पर गंभीर आरोप लगाए। इसके बाद आनन-फानन में कार्रवाई होती है और इंजीनियरिंग कॉलेज के निदेशक डॉ वाई सिंह और विभागाध्यक्ष ए के गौतम पर कार्रवाई होती है।

दोनों को अल्मोड़ा और पिथौरागढ़ संबद्ध कर दिया जाता है। शासन ने दोनों को सरकारी कर्मचारी आचरण नियमावली 2002 का प्रथम दृष्टया दोषी माना है। जो आदेश जारी हुआ है, उस आदेश में कहा गया है कि अप्रैल 2019 में असिस्टेंट प्रोफेसर मनीषा भट्ट की स्थायी नियुक्ति के बाद से ही उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा था।

पुलिस को दी गई शिकायत में कहा गया है कि सीनियर्स ने प्रमोशन की बात पर प्रोफेसर मनीषा भट्ट के साथ उत्पीड़न किया। यहां तक कि बीते दिनों सीनियर्स ने मनीषा को ये कह दिया था कि वो चाहे तो नौकरी छोड़ दे या आत्महत्या कर ले, लेकिन प्रमोशन नहीं होने देंगे।

इसके बाद शिक्षिका ने 25 मई को कॉलेज से अपने पति को कॉल किया और कॉलेज के अधिकारियों द्वारा प्रताड़ित किए जाने की बात बताई। प्रोफेसर मनीषा ने अपने पति को ये भी बताया कि उनको अपमानित करते हुए अशिष्ट और अश्लील शब्दों का प्रयोग किया गया था।

बीती 25 मई को प्रोफेसर मनीषा भट्ट ने नैथाणा पुल से अलकनंदा नदी में छलांग लगा दी थी. आनन फानन में उन्हें रेस्क्यू कर बेस अस्पताल श्रीकोट में भर्ती कराया गया था. जहां मनीषा ने दम तोड़ दिया था।

तो सबसे बड़ा सवाल ये है कि संस्थान के उच्चाधिकारियों ने प्रोफेसर मनीषा के साथ मानसिक उत्पीड़न की हदें पार कर ली? क्या सीनियर्स ने प्रोफेसर मनीषा को आत्महत्या के लिए उकसाया? क्या सीनियर्स ही मनीषा की मौत के जिम्मेदार हैं? अगर सीनियर्स जिम्मेदार हैं तो उन्हें सिर्फ कॉलेज से क्यों हटाया गया? बड़ी सजा आखिर कब मिलेगी? कब प्रोफेसर मनीषा भट्ट को न्याय मिलेगा? Professor manisha bhatt suicide केस में आखिर कब गुनहगारों को सख्त सजा मिलेगी?

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Pankaj Singh
Pankaj Singh
Pankaj Singh is a Journalist at Hill Live.
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