उत्तराखंड में एक जून से कोविड कर्फ्यू में आंशिक ढील दिए जाने की संभावना है। सरकार दुकानों के खुलने का समय बढ़ाने और सप्ताह में एक दिन से अधिक खोलने का निर्णय ले सकती है। 31 मई को राज्य सरकार कोविड कर्फ्यू को बढ़ाने पर फैसला लेगी। कोविड कर्फ्यू लागू होने के बाद से राज्य में कोरोना संक्रमितों की संख्या में लगातार कमी आई है।
सरकारी सूत्रों ने संकेत दिया है कि 1 जून से कोविड कर्फ्यू में आंशिक ढील दी जा सकती है। यह छूट कंटेनमेंट जोन के बाहर दी जाएगी। यह रियायत किराने का सामान खोलने के लिए समय बढ़ाने या सप्ताह के एक से अधिक दिन खोलने की अनुमति के रूप में आ सकती है। दुकानें खोलने को लेकर व्यापारी वर्ग भी सरकार पर लगातार दबाव बना रहा है।
विपक्षी कांग्रेस ने भी कर्फ्यू में आंशिक ढील देने की वकालत की है। जानकारों का मानना है कि कर्फ्यू ने कोरोना की चेन तोड़ने में अहम भूमिका निभाई है। लेकिन अब भी कोरोना संक्रमण की स्थिति सामान्य नहीं है।
राज्य के 13 में से 12 जिलों में 387 कंटेनमेंट जोन हैं। सबसे ज्यादा कंटेनमेंट जोन मैदानी जिले देहरादून में 70 और पर्वतीय जिलों में उत्तरकाशी में 62 हैं। इसके अलावा टिहरी में 55, यूएस नगर में 45, हरिद्वार में 29, चंपावत में 29, पिथौरागढ़ में 10, पौड़ी में 17, चंपावत में 19, रुद्रप्रयाग में 25, अल्मोड़ा में 18 और नैनीताल में 8 कंटेनमेंट जोन हैं। इसे रियायत की प्राणवायु की दरकार है। राज्य की अर्थव्यवस्था पर्यटन और तीर्थांटन कारोबार पर केंद्रित है। राज्य की अर्थव्यवस्था पर्यटन और तीर्थ व्यवसाय पर केंद्रित है। सीजन का सिर्फ एक महीना यानी जून बचा है। जून के अंत तक राज्य में मानसून पहुंच जाएगा।
राज्य में कोविड कर्फ्यू को लेकर सरकार सभी पहलुओं को ध्यान में रखकर फैसला लेगी। आंशिक ढील की मांग उठ रही है। ये सारी बातें सरकार के संज्ञान में हैं।
– सुबोध उनियाल, सरकारी प्रवक्ता, उत्तराखंड सरकार
फिलहाल राज्य में कोरोना पर पूरी तरह से काबू नहीं पाया जा सका है। अभी भी कोरोना का संक्रमण फैला हुआ है। लेकिन सरकार को कम से कम कोविड कर्फ्यू के दौरान किराने के सामान के संबंध में रियायतें देने के बारे में गंभीरता से सोचना चाहिए। सप्ताह में एक दिन से भी कम समय होता है, इससे बाजारों में भारी भीड़भाड़ रहती है और इससे संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।
– सूर्यकांत धस्माना, प्रदेश उपाध्यक्ष, कांग्रेस