देहरादून: 18 मार्च 2016 को उत्तराखंड विधानसभा में हरीश रावत सरकार के खिलाफ बगावत का झंडा बुलंद करने वाले हरक सिंह रावत को बीजेपी ने बाहर का रास्ता दिखा दिया। हरक सिंह रावत को बीजेपी और मंत्रिमंडल से हटाए जाने के बाद प्रदेश की सियासत गरमाई हुई है। अभी बीजेपी ने अपने प्रत्याशियों की सूची जारी नहीं की है, ऐसे में हरक का अगला कदम क्या होगा, इसे लेकर राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं चल रही हैं।
कयासबाजी का दौर भी शुरू हो गया है। बताया जा रहा है कि हरक सिंह रावत अब दोबारा कांग्रेस ज्वाइन करेंगे। दिल्ली जाते वक्त मीडिया से बातचीत में उन्होंने केवल यही कहा कि जिस तरह हरीश भाई ने अपने पत्ते खोलने की बात कही है, वैसे ही अभी मेरे पत्ते भी खुलने बाकी हैं। बता दें कि पिछले तीन दिन में हरक सिंह रावत दूसरी बार दिल्ली गए हैं। सूत्रों से खबर मिली है कि हरक सिंह रावत अपनी पुत्रवधू अनुकृति के साथ कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं।
रविवार को बीजेपी ने पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने के कारण हरक को बीजेपी से छह साल के लिए निष्कासित कर दिया। कहा जा रहा है कि हरक अपने साथ ही अपनी पुत्रवधू अनुकृति के लिए भी टिकट का दबाव बना रहे थे। शनिवार को वो बीजेपी कोर ग्रुप की बैठक में भी शामिल नहीं हुए।
इन तमाम बातों को हरक की नाराजगी के तौर पर देखा जा रहा था। इस बीच बीते दिन हरक सिंह रावत को बीजेपी की सदस्यता से छह साल के लिए निष्कासित कर दिया गया। देर रात उन्हें मंत्रिमंडल से भी हटा दिया गया। हरक के पास जो विभाग थे, उन सभी विभागों का अतिरिक्त प्रभार अब मुख्यमंत्री संभालेंगे। प्रदेश में जारी सियासी हलचल के बीच कयास है कि हरक सिंह रावत आज एक बार फिर कांग्रेस का दामन थाम सकते हैं। अपने हालिया बयान में हरक ने भी कांग्रेस में जाने की बात कही है।