देहरादून: उत्तराखंड में अवैध रूप से रह रहे बाहरी लोगों के लिए खतरे की घंटी बज गई है। चुनाव को ध्यान में रखते हुए पुलिस ने बाहरी लोगों के वेरिफिकेशन के लिए अभियान शुरू कर दिया है। देहरादून समेत प्रदेश के हर जिले में 15 दिनों तक विशेष पुलिस वेरिफिकेशन अभियान चलेगा। साल 2022 में उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव होने हैं।
उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 में कुछ ही वक्त शेष है। ऐसे में पुलिस ने सख्ती बरतनी शुरू कर दी है। असामाजिक तत्वों पर नजर रखने के मकसद से पुलिस ने वेरिफिकेशन अभियान शुरू किया है। 29 दिसंबर से शुरू हुआ अभियान अगले 15 दिनों तक लेगा। इस मामले में पुलिस मुख्यालय ने मंगलवार देर शाम राज्य के सभी 13 जनपदों के पुलिस प्रभारियों को लिखित आदेश जारी कर दिए हैं। दरअसल, ऐसी आशंका जताई जा रही है कि आगामी विधानसभा चुनाव को प्रभावित करने के मंसूबों के तहत राज्य के अलग-अलग हिस्सों में छोटे-छोटे काम-धंधे के बहाने भारी तादाद में घुसपैठ की साजिश हो सकती है।
असामाजिक तत्व चुनाव को प्रभावित कर सकते हैं। उत्तराखंड इंटेलिजेंस का अनुमान है कि आगामी चुनाव के दौरान बाहरी राज्यों से भारी तादाद में संदिग्ध लोग रेहड़ी और ठेली लगाने वालों के भेष में प्रदेश में एंट्री कर सकते हैं।
इंटेलिजेंस से मिली सूचना के आधार पर पुलिस ने प्रदेशभर में बाहरी लोगों के वेरिफिकेशन के लिए अभियान चलाने का निर्णय लिया है। राज्य भर के जिलों में 15 दिनों तक पुलिस भौतिक सत्यापन का अभियान कड़ाई से चलाया जा रहा है। डीजीपी अशोक कुमार के निर्देश पर सभी जिलों में बाहरी लोगों से पूछताछ की जा रही है, दस्तावेज चेक किए जा रहे हैं। अलग-अलग शहरों और कस्बों में रेहड़ी या ठेले लगाने वालों का भौतिक सत्यापन किया जा रहा है। बाहरी जनपद और गैर प्रांत से आने वाले और उत्तराखंड में अस्थायी रूप से निवास कर रहे लोगों से भी पुलिस पूछताछ कर रही है। पुलिस का यह विशेष अभियान अगले 15 दिनों तक चलेगा।