दो दिन पूर्व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) जखोली में देर रात प्रसव के बाद रेफर की गई महिला व नवजात बच्चे की जिला चिकित्सालय रुद्रप्रयाग पहुंचने से पहले ही मौत हो गई। उत्तराखंड क्रांतिदल ने अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है।
30 दिसंबर को मयाली गांव निवासी विनीता देवी को प्रसव पीड़ा होने पर शाम लगभग सात बजे सीएचसी जखोली में भर्ती किया गया था। रात 12.30 बजे महिला ने बच्चे को जन्म दिया। इस दौरान रक्तस्राव व अन्य कारणों को देखते हुए अस्पताल प्रबंधन ने रात 1.30 बजे जच्चा-बच्चा को जिला चिकित्सालय रुद्रप्रयाग रेफर कर दिया। लेकिन अस्पताल पहुंचने से पहले ही दोनों की रास्ते में मौत हो गई। जिला चिकित्सालय रुद्रप्रयाग में भी चिकित्सक दो घंटे बाद दोनों को देखने पहुंचे।
उत्तराखंड क्रांतिदल के मोहित डिमरी ने आरोप लगाया कि सीएचसी जखोली द्वारा जबरन देरी की गई। महिला को समय पर हायर सेंटर रेफर किया जाता तो दोनों की जान बच सकती थी। उन्होंने मामले की उच्चस्तरीय जांच और सीएचसी जखोली के मेडिकल स्टाफ के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग की है। उन्होंने कहा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में लंबे समय से स्त्री रोग विशेषज्ञ सहित अन्य चिकित्सकों के पद खाली हैं।
इधर, सीएचसी प्रभारी डा. याशमीन ने बताया कि प्रसव के बाद महिला ठीक थी। लेकिन बच्चे की धड़कन चल तो रही थी पर सांस नहीं ले पा रहा था, जिस कारण दोनों रेफर किया गया। इस केस में छह डॉक्टरों की टीम लगी हुई थी। अस्पताल स्तर से केस में कोई लापरवाही नहीं बरती गई है।
जच्चा-बच्चा की मौत घटना दुखद है। मामले में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जखोली से रिपोर्ट मांगी गई है। बताया जा रहा है कि मयाली तक उन्हें 108 एंबुलेंस में लाया गया, उसके बाद निजी वाहन से रुद्रप्रयाग पहुंचाया गया। इस दौरान महिला को अधिक रक्तस्राव होने की बात कही गई है। सीएचसी से मिलने वाली रिपोर्ट के बाद ही मामले में आगे की कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।