देहरादून: सभी पार्टियां Assembly elections 2022 को देखते हुए तैयारियों में जुट चुकी हैं। भाजपा ने भी अपना दांव खेलना शुरू कर दिया है। उत्तराखंड के आगामी चुनावों में युवा वर्ग को अपनी तरफ करना बेहद मुश्किल है। ऐसा इसलिए क्योंकि कोई भी सरकार युवाओं के बीच बढ़ती बेरोजगारी को कम करने में असफल रही है। मगर अब भाजपा युवा वर्ग पर अपना फोकस किए हुए है। विधानसभा चुनावों में भाजपा ने अपना नारा बुलंद कर लिया है। भाजपा का फोकस अब युवा मुख्यमंत्री के साथ ही युवा कैंडिडेट्स पर भी साफ देखा जा रहा है।
युवाओं पर फोकस:
भाजपा प्रदेश की कुल जनसंख्या के 48 प्रतिशत युवाओं को साधने का प्लान बना रही है। जी हां, इससे भाजपा के कुछ उम्रदराज नेताओं की सीट के ऊपर जरूर खतरा बन रहा है। यदि ऐसा होता है तो कई पुराने विधायकों और नेताओं के लिए ये बुरी खबर साबित हो सकती है।
ऐसे में करीब कई सिटिंग विधायकों का पत्ता साफ होना तय है। पार्टी ने दो सीएम बदलकर तीसरे सीएम के तौर पर युवा विधायक पुष्कर धामी को कुर्सी पर बैठा दिया है। ये सीधे तौर पर कांग्रेस पर भी हमला है। कांग्रेस के लगभग सभी नेता उम्रदराज हैं और पार्टी में युवाओं की कमी है। ऐसे में भाजपा युवाओं पर फोकस कर रही है। प्रदेश के 48% युवाओं पर फोकस करने से पहले बीजेपी ने आगामी विधानसभा चुनावों को देखते हुए कई इंटरनल सर्वे करवाए।
इंटरनल सर्वे के आधार पर तय किया गया कि कमजोर परफॉर्मेंस वाले 24 सिटिंग विधायकों का टिकट काटा जाएगा। पार्टी युवा प्रदेश, युवा मुख्यमंत्री के नारे में अब युवा केंडिडेट भी जोड़ने वाली है। बीजेपी ने युवा विधायक सीएम पुष्कर धामी को सीएम की कमान सौंप कर यह सुनिश्चित कर लिया है कि अधिक से अधिक युवा आगामी चुनावों में भाजपा को सपोर्ट करें। यदि युवा कैंडिडेट पर भाजपा फोकस करती है तो बीजेपी में एक निश्चित ऐज ग्रुप पार कर चुके और पुअर परफार्मेंस वाले सिटिंग विधायकों का सीट पर से हाथ धो बैठना तय है। पार्टी सूत्रों की मानें तो इंटरनल सर्वे और ऐज लिमिट को देखते हुए करीब दो दर्जन से ज्यादा सिटिंग विधायक इसमें आ रहे हैं।
ऐसे में इन उम्रदराज विधायकों की टिकट कटना तय है। युवा सीएम, युवा प्रदेश, युवा कैंडिडेट के इस नारे से भाजपा एक तीर से दो निशाने साधेगी। बीजेपी का ये नारा उत्तराखंड में 48 फीसदी युवा वोटर्स को रिझाने का काम तो करेगा ही, इसी के साथ विपक्षी कांग्रेस पर भी ये सीधा अटैक होगा। कांग्रेस इलेक्शन कैम्पेन कमेटी के अध्यक्ष हरीश रावत 70 साल पार कर चुके हैं। कांग्रेस के लगभग सभी नेता उम्रदराज हैं और पार्टी में युवाओं की कमी है। ऐसे में Uttarakhand Assembly elections 2022 में भाजपा का यह दांव कांग्रेस के ऊपर भारी न पड़ जाए।