रुद्रनाथ धाम का यात्रा पथ स्ट्रीट लाइट और सोलर लाइट से जगमगाएगा। रुद्रनाथ धाम की यात्रा व्यवस्थाओं को लेकर गुरुवार को अपर जिलाधिकारी अनिल कुमार चन्याल ने मंदिर के पुजारियों, हक हकूकधारियों संबंधित विभागीय अधिकारियों की बैठक में नगर पालिका और उरेडा विभाग को यात्रा पर स्ट्रीट लाइट लगाने के निर्देश दिये।
अपर जिला अधिकारी ने विभागों को 10 मई तक यात्रा व्यवस्थाओं को दुरुस्थ करने के निर्देश भी दिए हैं। इस वर्ष श्री रुद्रनाथ मंदिर के कपाट अगामी 7 मई को खुलेंगे। अपर जिलाधिकारी ने लोनिवि को पैदल यात्रा मार्गको सुचारुकरने, सगर से चन्द्रकोटी तक नगर पालिका को स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था करने तथा नारदकुण्ड से मंदिर तक उरेडा को सोलर लाइट लगाने के निर्देश दिए।
पैदल मार्ग पर सफाई व्यवस्था हेतु जैविक और अजैविक कूडेद्रान की व्यवस्था भी सुनिश्चित करने को कहा। जल संस्थान को पैदल मार्गपर पेयजल व्यवस्था तथा स्वास्थ्य विभाग को यात्रा के दौरान फस्ट एड किट की व्यवस्था रखने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि रुद्रनाथ में धर्मशाल की छत के लिए प्लास्टिक तिरपाल जल्द उपलब्ध कराए जाएंगे ताकि बारिश में यात्रियों को परेशानी न हो। मौके पर रुद्रनाथ मंदिर के मुख्य पुजारी धर्मेन्द्र तिवारी, प्रबंधक आशुतोष भट्ट, हक हकूकधारी देवेन्द्र सिंह बिष्ट, सत्वेन्द्र रावत, प्रेम सिंह बिष्ट, गजेन्द्र सिंह नेगी, ग्वाड ग्राम प्रधान नीरज आदि थे।
गोपेश्वेर से शुरू होती है रुद्रनाथ की यात्रा
रुद्रनाथ मंदिर की यात्रा गोपेश्वर से शुरू होती है। यहां से सगर गांव तक वाहन से जा सकते हैं। सगर गांव से लगभग १8 किमी पैदल चढ़ाई चढ़कर सुन्दर बुग्यालों से होते रुद्रनाथ तक पहुंचा जाता है। रुद्रनाथ यात्रा के अलौकिक परिवेश में चारों ओर हरियाली, हिमालयी पुष्प, पशु पक्षी, बहमकमल, भोजपत्र के वृक्ष बहुतायत में मिलते है। समुद्रतल से लगभग 2290 मीटर की ऊंचाई पर स्थित रुद्रनाथ मंदिर भव्य प्राकृतिक छटा से परिपूर्ण है। त्रिशूल की बर्फ से ठकी चोटियां अपनी ओर खींचती हैं।