सरकारी नौकरी पाने के लिए उसने फर्जी दस्तावेज बनाकर नौकरी पा ली, लेकिन कहा जाता है कि कोई भी शॉर्टकट हमेशा काम नहीं करता। उन्होंने काम भी नहीं किया। जांच में शिक्षकों का फर्जीवाड़ा पकड़ा गया और अब इन सभी 14 शिक्षकों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है.
एक समाचार रिपोर्ट के अनुसार जिन शिक्षकों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है, उनमें कांति प्रसाद राप्रावि जैली, संगीता बिष्ट राप्रावि कैलाशनगर, मोहन लाल राप्रावि सारी, महेंद्र सिंह राप्रावि लुखंद्री, राकेश सिंह राप्रावि धारतोन्दला, माया सिंह राप्रावि जयकंडी, विरेंद्र सिंह जनता जूनियर हाईस्कूल जखन्याल, विजय सिंह राप्रावि भुनाल गांव, जगदीश लाल राप्रावि जौला, राजू लाल राप्रावि जग्गीबगवान, संग्राम सिंह राप्रावि स्यूर बरसाल, मलकराज सिंह राप्रावि जगोठ, रघुवीर सिंह जूनियर हाईस्कूल जखन्याल और महेंद्र सिंह राप्रावि रायडी शामिल हैं।
ये सभी शिक्षक रुद्रप्रयाग जिले में सेवारत थे। आरोप है कि इनमें से ज्यादातर लोगों ने फर्जी तरीके से मेरठ के एक कॉलेज से बी.एड की डिग्री हासिल की थी. गृह विभाग के आदेश पर एसआईटी राज्य में फर्जी दस्तावेजों के जरिए नौकरी पाने वाले शिक्षकों की जांच कर रही है. इसी कड़ी में रुद्रप्रयाग जिले के 14 शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की गई है.
वहीं अगर पूरे राज्य की बात करें तो अब तक 80 शिक्षकों के दस्तावेज फर्जी पाए गए हैं, जिनके खिलाफ विभिन्न थानों में मामले दर्ज हैं. अपर पुलिस अधीक्षक सीआईडी लोकजीत सिंह के मुताबिक एसआईटी ने वर्ष 2012 से 16 तक नियुक्त 9602 शिक्षकों के दस्तावेज जांच के दायरे में लिए हैं. इनमें से अब तक 35,722 दस्तावेजों की जांच की जा चुकी है, जबकि 28,919 दस्तावेजों की जांच होनी बाकी है।