अरविंद सिंह की देह से लिपटकर रोयीं बेटी और पत्नीःभारतीय सेना के वाहन से जवान अरविंद सिंह के पार्थिव शरीर को उनके पैतृक गांव स्वाड़ा लाया गया. स्वाडा गांव में उनके 80 वर्षीय पिता कुंवर सिंह रावत और मां रहती हैं. तिरंगे में लिपटा पार्थिव शरीर जैसे ही घर पहुंचा तो स्वाड़ा गांव का माहौल गमगीन हो गया. बूढ़ी आंखें नियति के खेल से स्तब्ध थीं. शहीद की पत्नी राखी रावत और 8 वर्षीय बेटी आरोही फफकते हुए पिता की देह से लिपट गए.
‘अरविंद सिंह अमर रहे’ के नारों से गूंजा स्वाड़ा गांवःस्वाड़ा गांव के पांडव चौक में शहीद के पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन के लिए रखा गया. जिसके बाद परिजन जवान के देह को ‘अरविंद सिंह अमर रहे’ और ‘भारत माता की जय’ के नारों के साथ पैतृक घाट पर ले गए.
भाइयों ने दी मुखाग्निःशहीद की यूनिट 17 गढ़वाल से हवलदार कुलदीप सिंह गुसाईं साथ में थे. पुष्प चक्र अर्पित करने के बाद सेना के जवानों ने जवान अरविंद सिंह को अंतिम सलामी दी और तिरंगे को शहीद के भाई हनुमंत सिंह और राजमोहन सिंह को सौंपा. जिसके बाद उन्होंने ही शहीद जवान को मुखाग्नि दी. तमाम जनप्रतिनिधियों और बड़मा पट्टी के ग्रामीणों ने शहीद जवान अरविंद सिंह को श्रद्धांजलि दी.