कहते हैं कि किसी भी व्यक्ति की सफलता के पीछे सबसे बड़ा हाथ उसकी पत्नी होता है। ये ही मधुलिका रावत ने जीवन भर किया।
जनरल विपिन रावत की पत्नी मधुलिका रावत सैनिकों की पत्नियों को सम्मान दिलाने की बात हो, या फिर किसी शहीद की वीरांगना को उसका हक दिलाने की बात हो, चाहे फिर पहाड़ में अपने गांव आकर अपना घर बनाना हो या फिर हर मुश्किल में पति का साथ देना हो। मधुलिका रावत ने हर परिस्थिति में देश की वीरांगनाओं और अपने पति का साथ दिया। कहते हैं कि किसी भी व्यक्ति की सफलता के पीछे सबसे बड़ा हाथ उसकी पत्नी होता है। ये ही मधुलिका रावत ने जीवन भर किया। मधुलिका रावत ने दिल्ली यूनिवर्सिटी से साइकोलॉजी की पढ़ाई की। 2016 में जब जनरल रावत आर्मी चीफ बने तो मधुलिका को आर्मी वुमन वेलफेयर एसोसिएशन का अध्यक्ष बनाया गया। ये वक्त मधुलिका रावत के जीवन में लाइफ चेंजिंग जैसा आया। उस दौरान उन्होंने कैंसर पीड़ितों की सहायता की और कई तरह के सामाजिक काम किए।
जनरल बिपिन रावत की दो बेटियां हैं। जिनमें एक बेटी का नाम कृतिका रावत और दूसरी का तारिणी है। सीडीएस बिपिन रावत की पत्नी मधुलिका रावत का मायका मध्य प्रदेश में शहडोल के सोहागपुर में है। वहां उनका परिवार घटना की जानकारी के बाद स्तब्ध है.
सैनिकों की पत्नियों को सशक्त बनाने का काम हो, उन्हें सिलाई, बुनाई सिखाने का काम हो, बैग बनाने के साथ-साथ ब्यूटीशियन कोर्स करवाने का काम हो। मधुलिका रावत का मूल लक्ष्य सैनिकों की पत्नी को आर्थिक रूप से स्वतंत्र बनाना था। वो पति CDS जनरल बिपिन रावत के साथ कुन्नूर के वेलिंगटन में डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज जा रहे थीं। तभी उनका हेलीकॉप्टर क्रैश कर गया।