जिला योजना के तहत सरकारी स्कूलों में बुनियादी सुविधाएं बढ़ाने के साथ- साथ स्वास्थ्य कर्मियों के आवास भी बनाए जाएंगे। सरकार ने जिला योजना के धन के इस्तेमाल के लिए प्राथमिकताएं तय कर दी है। इसमें ग्रामीण क्षेत्रों में स्वरोजगार के अवसर तैयार करने के लिए भी बजट का प्रावधान किया गया है। मुख्यमंत्री तीरथ रावत के निर्देश के बाद नियोजन विभाग ने जिला योजना के उपयोग का फार्मूला तय किया है। अपर मुख्य सचिव मनीषा पंवार ने सभी जिलों के इसकी गाइड लाइन भेजी है। मालूम हो 2021-22 के लिएजिलायोजना का बजट 698.78 करोड़ रुपये का रखा है। इसमें 50 प्रतिशत धन पुराने लंबित विकास कार्यों पर खर्च होंगे। जबकि बाकी धन का सरकार की प्राथमिकताओं के अनुसार इस्तेमाल होगा। सरकार शिक्षा को अपनी सर्वोच्च प्राथमिकता में रखा है। साथ ही ग्रामीण स्तर पर रोजगार के अवसर सृजित करने के कार्यों के लिए भी अधिक बजट तय किया है।
जिला योजना बजट
- 10%- प्राथमिक स्कूल, माध्यमिक इंटर कॉलेज, आईटीआई पुनर्निर्माण, नए कमरों का निर्माण, टॉयलेट निर्माण और मरम्मत, बुनियादी सुविधाओं की वृद्धि, ई-लर्निंग, लाइब्रेरी, लैब आदि।
- 05%- शहरी क्षेत्रों में विकास कार्यों के लिए।
- 10%- स्वास्थ्य, महिला एवं बाल विकास को पीएचसी-सीएससी आदि के रखरखाव, एंबुलेंस खरीद, स्वास्थ्य उपकरणों की खरीद, स्वास्थ्य कर्मचारियों के आवास आदि।
- 15%- उन, पावन , मछली, दुग्ध विकास आदि से जुड़े कार्य, सिंचाई सुविधा बढ़ाने, फूड प्रोसेसिंग, कूल हाउस आदि।
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