पूर्व सीएम हरीश रावत और कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत के बीच बढ़ रही नजदीकियों से सियासी गलियारों में हलचल मची है। एक वक्त था जब दोनों एक दूसरे का चेहरा तक नहीं देखना चाहते थे, लेकिन अब दोनों के रिश्तों में जमी बर्फ पिघलने लगी है। राजनीति के दोनों धुरंधर एक दूसरे से बातचीत करने लगे हैं। 24 घंटे के भीतर पूर्व सीएम हरीश रावत और मंत्री हरक सिंह रावत के बीच दूसरी बार फोन पर बात हुई। पूर्व सीएम और प्रदेश कांग्रेस चुनाव समिति के अध्यक्ष हरीश रावत सोमवार को पिटकुल कार्मिकों के धरनास्थल पहुंचे। वहां पिटकुल में काम करने वाले अवर अभियंताओं ने उन्हें अपनी पीड़ा बताई। कर्मचारियों ने बताया कि 102 पदों पर उनकी दावेदारी को रोका गया है। मांगे न मानी गईं तो वो आंदोलन तेज करेंगे।
इस मामले को लेकर पूर्व सीएम हरीश रावत ने फोन पर ऊर्जा मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत से बात की। उनसे कहा कि इन कार्मिकों का मसला हल होना चाहिए। इससे पहले भी हरीश रावत और हरक सिंह रावत के बीच आपदा प्रभावित जिलों में राहत समेत तमाम मुद्दों को लेकर बातचीत हुई थी। इस तरह पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और कैबिनेट मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत के बीच अब दूरियां कम होने लगी हैं। 24 घंटे के भीतर ही दोनों के बीच दूसरी बार बातचीत होने से सियासी माहौल फिर गर्मा गया। कुछ दिन पहले हरक सिंह रावत ने कहा था कि हरीश रावत उनके बड़े भाई हैं। वो चाहें जो कहें, उनका हर शब्द आशीर्वाद है। इसी तरह हरीश रावत ने भी अपने अंदाज में कहा था कि आपदा में सांप और नेवला एक साथ आ जाते हैं, हम तो फिर भी भाई हैं। हरक व हरीश रावत के इस नए रिश्ते को लेकर तमाम अटकलें लगाई जाने लगी हैं।