तीरथ सरकार ने चंद मिनटों में ठुकरा दिया पूर्व सीएम त्रिवेंद्र रावत का प्रस्ताव
उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा है कि कोरोना संक्रमण की रफ्तार धीमी करने के बाद अब सरकार अंतरराज्यीय चारधाम यात्रा शुरू करे. उन्होंने इसे आर्थिक रूप से जरूरी बताते हुए कहा कि जिन लोगों को वैक्सीन की डबल डोज मिल चुकी है, उन्हें चारधाम यात्रा पर जाने की इजाजत दी जाए. लेकिन, तीरथ सरकार ने पूर्व सीएम के प्रस्ताव को चंद मिनटों में ही खारिज कर दिया।
सरकार के प्रवक्ता सुबोध उनियाल ने कहा कि सरकार इस पर पहले ही विचार कर चुकी है. वैक्सीनेट हो चुके लोग संक्रमण के लिहाज से भले सेफ जोन में हों, ले लेकिन वायरस के लिए कैरियर का काम कर सकते हैं, और वायरस कैरी करने की दशा में यह लोग दूसरों के लिए खतरा बन सकते हैं. इसलिए यह उचित नहीं है कि वैक्सीन लगा चुके लोगों को परमिशन दे दी जाए.
कोरोना वायरस के चलते पिछले साल से चारधाम यात्रा बंद है
पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने भी स्थानीय लोगों के लिए चारधाम यात्रा खोलने पर विचार करने की बात कही है जब कोविड कर्फ्यू समाप्त हो और कोरोना संक्रमण की गति धीमी हो जाए। राज्य में चारधाम यात्रा से हजारों लोगों का रोजगार सीधे तौर पर जुड़ा है। लेकिन, कोविड 19 के चलते पिछले साल से लगातार यात्रा स्थगित की जा रही है।
इससे होटल व्यवसायियों से लेकर खोखे-खोमचे और वाहन मालिकों तक के कारोबार पर विपरीत असर पड़ा है। ये लोग सरकार से राहत पैकेज की मांग कर रहे हैं. माना जा रहा है कि पूर्व मुख्यमंत्री के ताजा बयान के बाद यात्रा खोलने से लेकर प्रभावितों को राहत पैकेज की मांग करने तक सरकार पर दबाव और बढ़ सकता है।
वहीं चारधाम यात्रा से जुड़े कारोबारियों को अब ज्यादा उम्मीद नहीं है. दरअसल, यात्रा का चरम अप्रैल और मई के महीनों में माना जाता है। इन दोनों महीनों में यात्रा कोरोना संक्रमण के कारण बंद थी। अब मानसून का दौर 15 जून से शुरू हो गया है। बारिश से भूस्खलन की घटनाएं बढ़ जाती हैं, सड़कें बंद होने से चारधाम यात्रा वैसे भी ठप है. इस साल, अब केवल अक्टूबर और नवंबर दो महीने हैं जब चारधाम यात्रा का आयोजन किया जा सकता है। नवंबर के अंत तक चारधाम के कपाट बंद होने लगते हैं।