पेपर लीक मामले में अब तक उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के कर्मचारियों का सीधे तौर पर भले ही कोई हाथ न हो, लेकिन अधिकारियों की लापरवाही जरूर सामने आ रही है। आयोग एक आउटसोर्स कंपनी को परीक्षा की जिम्मेदारी देकर लापरवाह बन बैठा। पूरी प्रक्रिया की निगरानी भी ढंग से नहीं की गई। प्रश्नपत्रों की छपाई से लेकर सीटों के अरेजमेंट तक का काम इसी कंपनी के भरोसे रहा। ऐसे में जहां चूक हुई, शुरुआत में ही उसे पकड़ा नहीं जा सका।
एसटीएफ 16 दिनों से इस मामले की जांच कर रही है। पहले बताया जा रहा था कि कोई न कोई आयोग के अंदर भी बैठा है, जिसने मामले को हवा दी है। लेकिन, अब तक की जांच में किसी की सीधे तौर पर कोई भूमिका नहीं पाई गई। एसटीएफ कड़ी दर कड़ी आगे बढ़ने की कोशिश कर रही है और हर मोड़ पर आयोग की लापरवाही सामने आ रही है। एसटीएफ के अधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, परीक्षा नियंत्रक पूरी प्रक्रिया के लिए अधिकृत होते हैं।
वह अपने अधीनस्थों से पूरी प्रक्रिया की निगरानी भी कराते हैं। मगर, आयोग के पास इसके लिए पर्याप्त कर्मचारी ही नहीं है। जो कर्मचारी और अधिकारी हैं, उन्हें इस बारे में बहुत ज्यादा जानकारी नहीं है। पेपर छपाई का काम आयोग के कर्मचारियों की देखरेख में होता है, लेकिन फिर भी कंपनी के एक अदने से कर्मचारी ने सेट से पेपर चुराकर लीक कर दिया। अब तक पकड़े गए कंपनी के कर्मचारियों का भी कहना है कि उनसे आयोग के अधिकारी कम ही संपर्क में रहते थे।
परीक्षा हॉल तक कंपनी के कर्मचारी
हर परीक्षा हॉल तक आयोग के कर्मचारी हों ऐसा संभव नहीं है, लेकिन आयोग के अधिकारियों की जिम्मेदारी कम से कम शहर विशेष की निगरानी की तो रहती है। पर, आयोग ने इस तरह की व्यवस्था भी नहीं की। परीक्षा केंद्रों और यहां तक कि हॉल तक में कंपनी के कर्मचारियों की ही पहुंच रहती है। यानी परीक्षा की जिम्मेदारी कंपनी को देकर आयोग निश्चिंत हो गया।
एसटीएफ ने पूर्व परीक्षा नियंत्रक से की पूछताछ
अभिषेक को आज दून लेकर पहुंचेगी एसटीएफ
आरएमएस कंपनी के डाटा ऑपरेटर अभिषेक वर्मा पर आरोप है कि उसने पेपर सेट से पेपर चुराकर टेलीग्राम से लीक किया था। उसके पास से करीब 10 लाख रुपये भी बरामद हुए थे। नकल करने वाले गिरोह ने उसे 36 लाख रुपये दिए थे। एसटीएफ रविवार को उसे रिमांड पर लेकर लखनऊ गई है। एसटीएफ के एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि फिलहाल एसटीएफ की टीम पूछताछ कर रही है। उससे जो जानकारियां मिली हैं, तस्दीक की जा रही है। मंगलवार को टीम लेकर दून पहुंचेगी।
मोरी क्षेत्र के एक और व्यक्ति का नाम आया सामने
एसटीएफ सूत्रों के मुताबिक, इस मामले में उत्तरकाशी के मोरी क्षेत्र के एक व्यक्ति का नाम और सामने आ रहा है। इससे पहले वहां के जनप्रतिनिधि का नाम बताया जा रहा था। वह फिलहाल बैंकॉक में हैं। अब नए व्यक्ति के बारे में भी बताया जा रहा कि उसके संपर्क में भी बहुत से अभ्यर्थी थी। उसने भी पेपर खरीदकर हल कराया था। एसटीएफ जल्द ही उस व्यक्ति से भी पूछताछ करेगी।