कुछ ही महीनों में उत्तराखंड में दो नेतृत्व परिवर्तन हुए।मार्च में बीजेपी ने पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत को हटाकर तीरथ सिंह रावत को सीएम बनाया। 4 महीने बाद उनकी भी विदाई हो गई, अब पुष्कर सिंह धामी सीएम हैं। नेटवर्क 18 की खबर के मुताबिक सूत्रों की मानें तो उत्तराखंड बीजेपी में जल्द ही एक और अहम बदलाव हो सकता है। इस बार सीएम नहीं बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष को बदलने की तैयारी है. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक की जगह किसी और को प्रदेश अध्यक्ष बनाया जा सकता है. मदन कौशिक के साथ एक और कार्यकारी अध्यक्ष की भी नियुक्ति हो सकती है।
जाति और क्षेत्रीय समीकरणों को हल करने के लिए ऐसा करना भी आवश्यक है। हाल ही में, कांग्रेस ने भी अपनी कार्यकारी समिति की घोषणा की और एक के बजाय पांच अध्यक्ष बनाए। जाति और क्षेत्रीय समीकरणों का भी ध्यान रखा गया। कांग्रेस की तुलना में भाजपा में जाति और क्षेत्रीय संतुलन गड़बड़ा गया है। प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक मैदान से हैं। सीएम पुष्कर सिंह धामी भले ही पहाड़ में जन्मे हैं, लेकिन उनकी कर्मस्थली तराई ही रही। हरिद्वार से सांसद रमेश पोखरियाल निशंक भी केंद्रीय कैबिनेट से बाहर हो गए। इससे गढ़वाल , कुमाऊं, मैदान और पहाड़ में एक असंतुलन पैदा हो गया, जो कि चुनाव में बीजेपी की मुश्किलें बढ़ा सकता है।
संगठन और सरकार की कमान एक प्रकार से क्षेत्र के प्रतिनिधियों के हाथ में होती है। अब चर्चा है कि जल्द ही बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष पद पर एक नया चेहरा देखने को मिल सकता है. जातिगत समीकरणों में मुख्यमंत्री के ठाकुर होने के कारण गढ़वाल से ब्राह्मण चेहरे को आगे बढ़ाया जा सकता है. इनमें चमोली विधायक महेंद्र भट्ट, धर्मपुर सीट से विधायक विनोद चमोली, पूर्व दायित्व ज्योति गैरोला और तीन बार के दायित्व वाले बृजभूषण गैरोला का नाम सामने आ रहा है.
इस सप्ताह राष्ट्रीय महासचिव बीएल संतोष, प्रदेश प्रभारी दुष्यंत कुमार गौतम, सह प्रभारी रेखा वर्मा ने उत्तराखंड का दौरा किया था. इस दौरान विधायक महेंद्र भट्ट ने राष्ट्रीय महासचिव बीएल संतोष से भी मुलाकात की. हालांकि बीजेपी नेता इन चर्चाओं को बेबुनियाद बता रहे हैं. वहीं कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने कहा कि साढ़े चार साल में तीन सीएम बदलने वाली बीजेपी कुछ भी कर सकती है. खुद बीजेपी के पदाधिकारी इस तरह की चर्चाओं को हवा दे रहे हैं.