उत्तराखंड के शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने विधानसभा भवन में विभागीय अधिकारियों की बैठक ली. बैठक में मंत्री ने कहा कि हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की बोर्ड परीक्षाओं के परिणाम घोषित करने का फार्मूला तैयार कर लिया गया है।
हाई स्कूल के छात्रों को कक्षा नौ के 75 प्रतिशत अंक और कक्षा 10 के 25 प्रतिशत अंक देकर परिणाम तैयार किया जाएगा। जबकि इंटरमीडिएट में उत्तराखंड बोर्ड द्वारा एक महीने के भीतर 10वीं कक्षा में 50 फीसदी और 11वीं में 40 फीसदी और 12वीं में 10 फीसदी अंक देकर रिजल्ट तैयार किया जाएगा।
बैठक में शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने कहा कि निजी स्कूलों की मनमानी फीस पर लगाम लगाने के लिए विभाग की ओर से फीस एक्ट का ड्राफ्ट तैयार कर सरकार को सौंपा गया है, जो कैबिनेट की अगली बैठक में आएगा।
इसके अलावा मंत्री ने टीईटी के प्रमाण पत्र को आजीवन मान्य करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी। बैठक में अटल एक्सीलेंस स्कूलों के मुद्दे पर भी चर्चा हुई। बताया कि राज्य के 165 स्कूलों के 797 शिक्षकों के पदों के लिए 3950 शिक्षकों ने आवेदन किया है, स्क्रीनिंग टेस्ट के माध्यम से इन स्कूलों के लिए रामनगर बोर्ड द्वारा शिक्षकों का चयन किया जाएगा।
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12वीं में एक लाख 23 हजार से ज्यादा छात्रों ने किया रजिस्ट्रेशन
उत्तराखंड बोर्ड की 12वीं कक्षा में एक लाख 23 हजार से अधिक छात्र पंजीकृत हैं, जबकि 10वीं कक्षा की परीक्षा में एक लाख 48 हजार से अधिक छात्र पंजीकृत हैं. शिक्षा विभाग की ओर से बोर्ड के छात्रों की परीक्षा के लिए 1347 परीक्षा केंद्र बनाए गए थे।
प्रतियोगी परीक्षाओं की तर्ज पर 12वीं की परीक्षा कराने की तैयारी की गई
सरकार उत्तराखंड बोर्ड की 12वीं की परीक्षा बहुविकल्पीय प्रश्नों (एमसीक्यू) के आधार पर कराने की तैयारी कर रही थी। शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम ने कहा कि परीक्षा एमसीक्यू पर आधारित होती तो तीन की जगह डेढ़ घंटे का पेपर होता।