देहरादून। उत्तराखंड में 1 जुलाई से चारधाम यात्रा शुरू करने की अनुमति दे दी गई है। पहले दस दिनों यानी 10 जुलाई तक सिर्फ चमोली, रुद्रप्रयाग और उत्तरकाशी जिलों के निवासियों को ही कोरोना नेगेटिव रिपोर्ट के साथ धामों में जाने की अनुमति होगी। इन जिलों में चार धाम मौजूद हैं। 11 जुलाई से राज्य के अन्य जिलों के लिए भी यात्रा खोली जाएगी, लेकिन इस दौरान कोविड की निगेटिव रिपोर्ट लाना अनिवार्य है।
हालांकि राज्य सरकार ने कई रियायतें देने के साथ ही 29 जून तक कोविड कर्फ्यू को बढ़ा दिया है। सरकारी प्रवक्ता सुबोध उनियाल ने कहा कि इस दौरान शहरी क्षेत्र में रात का कर्फ्यू लागू रहेगा। सप्ताह में तीन दिन की बजाय अब पांच दिन बाजार खुले रहेंगे। शनिवार और रविवार के बाजार सप्ताहांत पर बंद रहेंगे।
बाजार खुलने का समय भी सुबह आठ बजे से शाम पांच बजे तक रहेगा। इसके साथ ही होटल, बार, रेस्तरां को पचास प्रतिशत क्षमता के साथ खोलने की अनुमति दी गई। लेकिन, रात 10 बजे के बाद ये होटल, बार, रेस्टोरेंट सुबह छह बजे तक बंद रहेंगे।
वहीं, सरकारी कार्यालय भी पचास प्रतिशत क्षमता के साथ खुलेंगे। आवश्यक सेवाओं से जुड़े विभाग अपनी पूरी क्षमता से खुलेंगे। विवाह समारोह में अभी भी पचास लोगों की अनिवार्यता रहेगी। मैदान से पहाड़ जाने के लिए कोविड नेगेटिव रिपोर्ट जरूरी होगी। ये सभी फैसले 22 जून से लागू होंगे।
शनिवार को मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक में राज्य सरकार ने ये फैसले लिए, अब उत्तराखंड में कोविड संक्रमण पर काफी हद तक काबू पा लिया गया है. पिछले 24 घंटे में कोविड के 220 नए मामले सामने आए हैं। राज्य में सक्रिय मामलों की संख्या भी घटकर तीन हजार 220 के करीब पहुंच गई है।
व्यापारियों ने कुछ हद तक राहत की सांस ली है
उत्तराखंड में चार धाम यात्रा को अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण साधन माना जाता है। चार धाम यात्रा से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से लाखों लोगों की आजीविका जुड़ी हुई है। पिछले 2 साल से कोविड-19 के कारण चार धाम यात्रा स्थगित होने से हजारों लोगों को रोजी-रोटी का संकट झेलना पड़ रहा था।
हालांकि सरकार ने पर्यटन कारोबारियों को कुछ रियायतें भी दी हैं। लेकिन अब चार धाम यात्रा के खुलने से कारोबारियों ने कुछ हद तक राहत की सांस ली है।