कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद प्रदेश अध्यक्ष पद से गणेश गोदियाल को हटा तो दिया, लेकिन 11 दिन बीतने के बाद भी नए अध्यक्ष की नियुक्ति नहीं की जा सकी है। नई नियुक्ति में हो रही देरी ने असमंजस बढ़ा दिया है।
प्रदेश में सांगठनिक चुनाव संपन्न होने के बाद नए अध्यक्ष की नियुक्ति की जाएगी या तदर्थ नियुक्ति कर काम चलाया जाएगा, पार्टी के निर्णय की प्रतीक्षा की जा रही है।
उत्तराखंड में पांचवीं विधानसभा चुनाव के परिणाम ने कांग्रेस को झटका दिया है। जीत तय मानकर चल रही पार्टी को महज 19 सीटों पर संतोष करना पड़ा। उत्तराखंड के साथ ही अन्य चार चुनावी राज्यों में पार्टी को हार का सामना करना पड़ा है।
गोदियाल बीती 15 मार्च को इस्तीफा दे चुके हैं
इसके बाद कांग्रेस अध्यक्ष के निर्देश पर सभी पांचों प्रदेशों के पार्टी अध्यक्षों से इस्तीफे लिए गए। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से गोदियाल बीती 15 मार्च को इस्तीफा दे चुके हैं।
बाद में पार्टी हाईकमान के निर्देश पर नियुक्त केंद्रीय पर्यवेक्षक व राष्ट्रीय महासचिव अविनाश पांडेय ने देहरादून पहुंच कर हार के कारणों की समीक्षा की। साथ में नए प्रदेश अध्यक्ष व नेता विधायक दल के चयन को लेकर नवनिर्वाचित विधायकों, पार्टी प्रत्याशियों, संगठन के पदाधिकारियों एवं वरिष्ठ नेताओं के सुझाव लिए।
क्षेत्रीय-जातीय समीकरण पर है ध्यान
समीक्षा बैठक के बाद भी चार दिन बीत चुके हैं, लेकिन नए प्रदेश अध्यक्ष पद पर निर्णय का इंतजार किया जा रहा है। अंदेशा जताया जा रहा है कि नेता विधायक दल का चयन होने के बाद प्रदेश अध्यक्ष पर निर्णय होगा। नेता विधायक दल पर नियुक्ति के बाद प्रदेश अध्यक्ष पद पर क्षेत्रीय व जातीय समीकरणों को ध्यान में रखकर पार्टी कदम उठा सकती है।
प्रदेश में होने हैं सांगठनिक चुनाव
कांग्रेस के सामने इस वक्त प्रदेश में सांगठनिक चुनाव की चुनौती भी है। इसके लिए सदस्यता अभियान की अंतिम तिथि 31 मार्च निर्धारित है। इस अभियान के लिए अब गिने-चुने दिन शेष रह गए हैं। प्रदेश में चुनाव हारने के बाद कांग्रेस में सदस्यता अभियान को लेकर उत्साह सिरे से नदारद है।
31 मार्च के बाद बूथ स्तर पर सक्रिय सदस्य चुने जाएंगे। इनसे ही ब्लाक और फिर जिला कांग्रेस कांग्रेस इकाइयों का गठन होना है। जिला इकाइयों से प्रदेश कांग्रेस कमेटी सदस्य चुने जाएंगे।