ऋषिकेश: Rishikesh Karnprayag Rail Track Uttarakhand ..ये नेटवर्क प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट्स में से एक। इस परियोजना के माध्यम से उत्तराखंड के चारधामों को रेल सेवा से जोड़ने की प्लानिंग है। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन पर टनल बनाने का कार्य तेज गति से जारी है। यह रेल लाइन उत्तराखंड जैसे पर्वतीय राज्य के पर्यटन, उद्योग और आर्थिक विकास की जीवन रेखा बनेगी। परियोजना के सभी नौ पैकेजों पर काम चल रहा है। सबसे लंबी सुरंग पैकेज नंबर-4 में बनाई जानी है। इस सुरंग की लंबाई 14.70 किलोमीटर की होगी। पैकेज-4 के तहत (देवप्रयाग से जनासू) में सबसे लंबी सुरंग बनाई जानी है।
यहां आपको रेल लाइन के लिए बन रही सुरंगों की तस्वीरें भी दिखाते हैं, इन्हें देख आप समझ सकते हैं कि परियोजना का काम कितने बड़े स्केल पर चल रहा है। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना के अलग-अलग फेज में करीब 14 किलोमीटर सुरंग का निर्माण पूरा हो गया है।गूलर और शिवपुरी क्षेत्र में भी रेलवे सुरंगों के निर्माण का काम जारी है।
ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे लाइन के काम को 2024 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। चारधाम यात्रा के लिहाज से रेलवे का यह प्रोजेक्ट काफी महत्वपूर्ण है।रेल नेटवर्क को और बेहतर करने के लिए ऋषिकेश-कर्णप्रयाग के बीच नई ब्रॉड गेज रेल लाइन का काम तेज रफ्तार से चल रहा है। शिवपुरी से ब्यासी के बीच काम तेजी से पूरा हो रहा है।
रेलवे लाइन बनाने के अलावा उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों के दूरस्थ गांवों तक संपर्क के लिए रेलवे सड़कों का निर्माण भी करवा रहा है।बता दें कि 125.20 किलोमीटर लंबी ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलमार्ग परियोजना का 84.24 फीसदी भाग (105.47 किलोमीटर) भूमिगत है।
खास बात यह है कि ज्यादातर रेलवे स्टेशनों का आंशिक भाग भी सुरंग के अंदर होगा।12 स्टेशनों में से शिवपुरी और ब्यासी स्टेशन का कुछ ही भाग खुला रहेगा। परियोजना के तहत बनने वाले 12 रेलवे स्टेशनों में से 10 स्टेशन पुलों के ऊपर और सुरंग के अंदर होंगे।