उत्तराखंड में सख्त कोरोना कर्फ्यू का सकारात्मक असर दिखने लगा है। कोरोना संक्रमण के मामले कम होने लगे हैं। गुरुवार को कोरोना के 3658 नए मामले मिले। कोरोना के नए मामले की तुलना में ठीक होने वाले मरीजों की संख्या काफी ज्यादा है. पिछले 24 घंटे में 8006 मरीज कोरोना को हराने में कामयाब हुए हैं. एक दिन में ठीक होने वाले मरीजों के मामले में यह संख्या सबसे ज्यादा है।
इसके साथ ही रिकवरी रेट भी बढ़कर 73.87 हो गया है। सूत्रों के मुताबिक अगर इसी तरह से कोरोना के मामले कम होते रहे तो राज्य सरकार कोरोना कर्फ्यू में कई रियायतें देने पर विचार कर सकती है. 25 मई से कोविड कर्फ्यू में कुछ ढील दी जा सकती है।
जिसमें बाजार खुलने का समय, अंतर जिला परिवहन सेवा शुरू करने और अलग-अलग दिनों में दुकानें खोलने पर विचार किया जा सकता है। प्रदेश के भीतर 50 प्रतिशत यात्री क्षमता वाले यात्री वाहनों का अंतर जिला संचालन शुरू करने का निर्णय लिया जा सकता है। किराना व अन्य दुकानों को भी अलग-अलग दिन खोलने व बंद करने पर विचार किया जा रहा है. कोरोना संक्रमण के मामलों पर नजर डालें तो अप्रैल के दूसरे सप्ताह के बाद कोरोना संक्रमण की रफ्तार तेजी से बढ़ी।
संक्रमितों की बढ़ती संख्या को देखते हुए सरकार ने सबसे पहले रात का कर्फ्यू लगाया। स्थिति नियंत्रण में न आए इसके लिए 24 अप्रैल से सख्ती बढ़ा दी गई थी। दिन में भी कोविड कर्फ्यू लगाया गया। हर हफ्ते सख्ती बढ़ती रही, हालांकि इस सख्ती के अच्छे परिणाम भी सामने आ रहे हैं। कोरोना संक्रमण के मामले कम आए हैं। 14 मई के बाद संक्रमण के मामलों में कमी आई है। एक बार जहां संक्रमण के मामलों की संख्या रोजाना नौ हजार से ज्यादा पहुंच गई थी, वहीं गुरुवार को यह संख्या घटकर 4 हजार पर आ गई।
राज्य के मैदानी जिलों में संक्रमण की घटती दर से सरकार को थोड़ी राहत मिली है. सरकारी प्रवक्ता और कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने मीडियाकर्मियों से बातचीत में कोरोना कर्फ्यू में ढील के संकेत दिए हैं। उन्होंने कहा कि 24 मई तक मामलों में लगातार कमी आने पर सरकार कोविड कर्फ्यू में कुछ ढील देने पर विचार कर सकती है, लेकिन अगर मामले बढ़ते हैं तो सरकार कर्फ्यू के तहत प्रतिबंधों को जारी रखेगी और इसे और सख्त करेगी। संक्रमण के मामलों पर सरकार नजर रखे हुए है।