धिक कमाई की चाह में लालची लोग अपना पद और सम्मान भी खो देते हैं। ऐसा ही कुछ अल्मोड़ा के दो इंजीनियरों के साथ हुआ। दोनों को एनओसी देने के एवज में एक लाख रुपये की रिश्वत लेते पकड़ा गया। हल्द्वानी से विजिलेंस टीम ने लोक निर्माण विभाग के राष्ट्रीय राजमार्ग खंड रानीखेत (अल्मोड़ा) के अधिशासी अभियंता (ईई) व सहायक अभियंता (एई) हितेश कांडपाल को एक लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए पकड़ा है.
विजिलेंस के एसपी मुख्यालय धीरेंद्र गुंज्याल ने इस संबंध में जानकारी दी. पकड़े गए दोनों इंजीनियरों के खिलाफ अल्मोड़ा निवासी एक व्यक्ति ने शिकायत की थी। दरअसल पीड़ित को बार खोलने के लिए पीडब्ल्यूडी के एनएच सेक्शन समेत अन्य विभागों से एनओसी की जरूरत थी. अन्य सभी विभागों ने एनओसी दे दी, लेकिन एनएच सेक्शन के इंजीनियरों ने एनओसी लटका दी, ये दोनों अधिकारी शिकायतकर्ता को परेशान करने लगे. बाद में एनओसी जारी करने के एवज में आरोपी ने रिश्वत की मांग की।
शिकायत की पुष्टि होने पर गुरुवार को एसपी विजिलेंस राजेश कुमार भट्ट के नेतृत्व में विजिलेंस टीम रानीखेत पहुंची। यहां जाल बिछाया गया था। योजना के तहत शिकायतकर्ता एनएच कार्यालय पहुंचा, जहां उसने ईई को एक लाख की रिश्वत दी. ईई ने यह राशि एई को सौंप दी। फिर दोपहर साढ़े तीन बजे विजिलेंस की ट्रैप टीम ने दोनों इंजीनियरों को पकड़ लिया। घूसखोरी में गिरफ्तार सहायक अभियंता हितेश कांडपाल 2014 से रानीखेत खंड में कार्यरत है।
कांडपाल आयोग की परीक्षा में टॉपर भी रह चुके हैं। वहीं एनएच संभाग के रानीखेत के कार्यकारी अभियंता एमपीएस कालाकोटी की बात करें तो वह अगले साल सेवानिवृत्त होने वाले हैं. सेवानिवृत्ति से पहले कुछ राशि जोड़ने की सोची होगी, लेकिन तरीका गलत था। दोनों आरोपी अब विजिलेंस की हिरासत में हैं। विजिलेंस ने आरोपी के घर व कार्यालय से आवश्यक फाइलें व दस्तावेज जब्त किए हैं। संपत्ति और बैंक खातों की जानकारी जुटाई जा रही है। आरोपी को जल्द ही देहरादून विजिलेंस कोर्ट में पेश किया जाएगा।