Uttarakhand News : राज्य में 112 बच्चे कोरोना वायरस से संक्रमित
कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर से बच्चों को संक्रमण का सबसे ज्यादा खतरा है। इसे देखते हुए जिला प्रशासन अलर्ट हो गया है और तैयारी शुरू कर दी गई है।
डीएम ने जिले के सरकारी और निजी अस्पतालों में एनआईसीयू और पीआईसीयू बेड बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। इसके लिए एनएचएम के अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. दिनेश चौहान को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है।
विशेषज्ञों का मानना है कि कोविड की तीसरी लहर बच्चों में सबसे ज्यादा संक्रमण है। ऐसे में अगर संक्रमण फैलता है तो बच्चों के लिए एनआईसीयू और पीआईसीयू की जरूरत होगी।
ऐसे में सभी सरकारी अस्पतालों और निजी अस्पतालों में जहां आईसीयू हैं, वहां इनकी संख्या बढ़ाने की जरूरत है. ताकि आपात स्थिति में वहां बड़ी संख्या में बच्चों को भर्ती किया जा सके।
इसके अलावा इलाज के लिए जरूरी दवाओं, उपकरणों आदि की भी व्यवस्था करनी होगी। लेकिन यह लहर अक्टूबर से दिसंबर के बीच बताई गई। । बता दें कि उत्तराखंड के चार जिलों में 112 बच्चे कोरोना वायरस से संक्रमित हो गए हैं।
इनमें दो साल के बच्चों समेत नवजात भी शामिल हैं। बच्चों को कोरोना वायरस की तीसरी लहर से बचाने के लिए उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग की ओर से वर्चुअल मीटिंग का आयोजन किया गया।
स्वास्थ्य विभाग की ओर से जानकारी दी गई है कि 4 जिलों के 112 बच्चे कोरोना वायरस से संक्रमित हुए हैं।
आपको बता दें कि संक्रमित होने वाले सबसे ज्यादा बच्चे रुद्रप्रयाग जिले के हैं। रुद्रप्रयाग जिले में 44 बच्चे संक्रमित हुए हैं। एक नवजात शिशु है जबकि बाकी बच्चों की उम्र 2 से 13 साल के बीच है। सभी बच्चों को होम आइसोलेशन में रखा गया है।
इस बीच हरिद्वार के सीएमओ डॉ एसके झा ने बताया है कि उनके जिले में 14 बच्चे संक्रमित हुए हैं. इन बच्चों को होम आइसोलेशन में रखा गया है। इसके अलावा ऊधमसिंह नगर जिले में 15 से 18 वर्ष आयु वर्ग के 40 बच्चे संक्रमित हैं।
डॉक्टर्स और एक्सपर्ट्स का कहना है कि सबसे ज्यादा दिक्कत 10 साल से कम उम्र के बच्चों को होती है।