उधमसिंह नगर: काशीपुर का ईशान महज 12 साल का है, मगर उसने जीवन में कुछ ऐसा देख लिया जिसकी कल्पना मात्र भी हमारी आत्मा को झकझोर कर रख देगी। काशीपुर के एक डॉक्टर के परिवार की। वह डॉक्टर जिसमें बीती रात को अपनी पत्नी और खुद को जहर देकर जान से मार दिया था। उनका एक 12 साल का बेटा भी है।
बेटे ने जिद की, पापा मुझे भी अपने साथ में मार दो। लेकिन डॉक्टर का दिल पसीज गया और उन्होंने अपने बेटे को कम डोज का इंजेक्शन देकर उसकी जान बचा दी। यह खबर काशीपुर की आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ नरेश शर्मा और उनकी पत्नी की है। उनकी पत्नी को लंबे वक्त से कैंसर था। दोनों में जिंदगी के हालातों से तंग आकर जान लेने का फैसला किया। ‘पापा मैं सबसे पहले मरूंगा, पहला इंजेक्शन मुझे लगा दो।
‘ दिल को चीरकर रख देने वाले ये शब्द मंगलवार रात ईशान ने अपने पापा से कहे। यह शब्द सुनकर डॉ. शर्मा की आंखें भी डबडबा गईं लेकिन हमेशा अपने ईशान के हीरो रहे पापा ने दुनिया छोड़ने से पहले अपने बेटे की ये इच्छा भी पूरी की। परिवार में तीन दिन से आत्महत्या की तैयारी चल रही थी। ईशान ने पुलिस को बताया कि मंगलवार शाम भी पापा कामकाज पूरा कर सामान्य दिनों की तरह घर आए।
उस दिन पूरे परिवार ने रात का खाना साथ खाया। इसके बाद ईशान की जिद पर पापा ने बेटे के साथ लूडो भी खेला। बेटे की जिद पर एक घंटे तक लूडो का खेल चलता रहा। फिर डॉ. शर्मा ने पूरे परिवार के सामने सुसाइड नोट लिखा और तीनों ने एक-दूसरे को जी भरकर देखा।
डॉ. शर्मा ने पास ही रखे थैले से इंजेक्शन निकाले और उसमें दवा भरने लगे। डॉ. शर्मा पहला इंजेक्शन से कैंसर से लड़ रही पत्नी को लगाना चाहते थे लेकिन ईशान ने हमेशा की तरह यहां भी मैं सबसे पहले वाली जिद पकड़ ली। इसके बाद डॉ. शर्मा ने दूसरा इंजेक्शन पकड़ा और बेटे को लगा दिया।
कुछ देर बाद ईशान सो गया।सुबह जब ईशान जागा और खुद को जिंदा पाया तो माँ-पिता के कमरे में जाकर देखा तो दोनों बिस्तर पर मृत पड़े हुए थे। उनकी मौत हो चुकी थी। ये नजारा देखते ही ईशान की चीख निकल गई जिसे सुनकर आस-पड़ोस के लोग घर में आए, अंदर का नजारा देखकर और बेटे को रोता देखकर पुलिस को सूचना दी गई, जिसके बाद पुलिस ने पहुंचकर दोनों शवों को पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया और ईशान का बयान दर्ज किया।