उत्तराखंड : ठेकेदारी से रोजगार की राह खोलने की तैयारी, 25 लाख तक के ठेके भी ले सकते हैं अनुभवहीन
उत्तराखंड सरकार कोविड-19 महामारी के चलते बेरोजगारों के लिए ठेका देकर रोजगार का रास्ता खोलेगी। कैबिनेट उप समिति ने यह सिफारिश की है। अगर राज्य कैबिनेट की सिफारिशों को मंजूरी मिल जाती है तो उत्तराखंड में निर्माण कार्य का अनुभव न होने के बावजूद लोग 25 लाख रुपये तक के ठेके ले सकेंगे। इसके लिए हर इंजीनियरिंग विभाग में ऐसे ठेकेदारों के लिए एक नई ई-श्रेणी बनाई जाएगी।
उत्तराखंड अधिप्राप्ति नियमावली में संशोधन की सिफारिशों को प्रदेश मंत्रिमंडल के समक्ष रखा जाएगा। उपसमिति की सोमवार को दूसरी बैठक थी। इस बैठक में उपसमिति के सदस्य कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल व बिशन सिंह चुफाल के अलावा मुख्य सचिव ओम प्रकाश, सचिव वित्त व इंजीनियरिंग विभागों के प्रमुख उपस्थित थे।
किस कैटेगरी के लिए कितनी राशि तक काम
श्रेणी ए: इस श्रेणी में दो करोड़ तक की कार्य सीमा है, जिसे बढ़ाकर तीन करोड़ करने की सिफारिश की गई है।
श्रेणी बी: इस श्रेणी की सीमा दो करोड़ तक है, जिसे बढ़ाकर तीन करोड़ करने की सिफारिश की गई है।
श्रेणी सी: एक करोड़ तक काम की सीमा है, जिसे बढ़ाकर 1.5 करोड़ किया जाना है।
श्रेणी डी: 50 लाख तक की कार्य सीमा है, जिसे बढ़ाकर 75 लाख किया जाना है।
श्रेणी ई: यह एक नई श्रेणी है, जिसमें 25 लाख तक कार्य दिए जा सकते हैं।
15 लाख तक के कार्यादेश पर
उप-समिति ने कार्यादेश कार्यों की मात्रा में पर्याप्त वृद्धि की अनुशंसा की है। मैनुअल में ढाई लाख रुपये तक के वर्क ऑर्डर का प्रावधान है। इसे बढ़ाकर 15 लाख करने की सिफारिश की गई है।
बड़े कार्यों को टुकड़ों में बांटा जा सकता है
उपसमिति ने ऐसे एक से अधिक ठेकेदारों को बड़े निर्माण कार्यों के विखंडन की सिफारिश की। लेकिन इसमें काम की गुणवत्ता और तकनीकी पहलुओं का भी ध्यान रखा जाएगा। इसके लिए काफी समय से मांग कर रहे थे।
नियमों में होगी एकरूपता
उपसमिति ने सभी इंजीनियरिंग विभागों के नियमों में एकरूपता लाने की सिफारिश की है।
कोविड महामारी से पैदा हुए हालात में देश भर से हमारे लोग अपनी नौकरी और कारोबार छोड़कर उत्तराखंड आ गए हैं। राज्य में कई बेरोजगार भी हैं। युवा रोजगार के लिए ई-श्रेणी बनाने की सिफारिश की गई है।
– डॉ. हरक सिंह रावत, अध्यक्ष, कैबिनेट उप-समिति