कोरोना महामारी के बीच नशीले पदार्थों के व्यापार में लगातार इजाफा हो रहा है और नशा तस्कर आए दिन नशीले पदार्थों की तस्करी कर रहे हैं। ऐसे नशा तस्करों के खिलाफ पुलिस प्रशासन अभियान चला रहा है। टिहरी गढ़वाल में एसएसपी तृप्ति भट्ट के नेतृत्व में नशे के खिलाफ जांच अभियान चलाया जा रहा है।
ऐसे ही अभियान के तहत टिहरी जिले के मुनि की रेती में नशे के धंधे में संयुक्त दो युवकों को पुलिस ने अपनी हिरासत में ले लिया है। आरोपी के पास से 1 किलो 700 ग्राम चरस बरामद किया गया है। पुलिस ने दोनों आरोपितों को गिरफ्तार कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है। आपको पूरे मामले से अवगत कराते हैं।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार आरोपियों की पहचान 30 वर्षीय सतबीर सिंह और 22 वर्षीय फूल सिंह के रूप में हुई है. दोनों स्मैक तस्कर हरियाणा के रहने वाले हैं। दो स्मैक तस्कर हरिद्वार और देहरादून होते हुए हरियाणा से टिहरी गढ़वाल पहुंचे थे, जहां पुलिस के हत्थे चढ़ गए। दरअसल टिहरी जिले की मुनि की रेती पुलिस स्मैक तस्करों के खिलाफ युद्ध स्तर पर चेकिंग अभियान चला रही है और इसके तहत पुलिस ने हाल ही में मुनि की रेती में वाहन को रोका और उसमें मौजूद दो युवकों से पूछताछ की. पूछताछ करने पर पुलिस को संतोषजनक जवाब नहीं मिला।
उसके बाद पुलिस ने शक होने पर उससे सख्ती से पूछताछ की और वाहन की भी जांच की। पुलिस को वाहन की चेकिंग के दौरान करीब 1 किलो 700 ग्राम चरस मिली।। दोनों युवकों ने बताया कि वे हरियाणा से हरिद्वार और देहरादून होते हुए टिहरी जिले में चरस की बड़ी खेप लाए हैं। उन्होंने बताया कि वे चरस की इस खेप को बेचने जा रहे हैं. पुलिस ने दोनों आरोपितों को गिरफ्तार कर 1 किलो 700 ग्राम स्मैक बरामद की है। पुलिस ने दोनों आरोपितों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की तैयारी शुरू कर दी है।
टिहरी जिले की एसएसपी तृप्ति भट्ट का कहना है कि टिहरी जिले में तस्करों के खिलाफ तलाशी अभियान चलाया जा रहा है और इसी कड़ी में चार माह के अंदर 24 मुकदमों में कुल 25 आरोपितों को गिरफ्तार भी किया गया है और करीब 11 किलो 700 ग्राम इनके पास से चरस, 70.90 ग्राम स्मैक और 86 किलोग्राम से अधिक डोडा पोस्त बरामद किया गया है।
टिहरी जिले में 1 किलो 700 ग्राम चरस की खेप के साथ गिरफ्तार हरियाणा में दो आरोपियों के मामले में पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी बड़ा सवाल खड़ा होता है. उत्तराखंड में कोरोना के चलते कोविड कर्फ्यू के चलते लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. राज्य में बिना अनुमति के एक जिले से दूसरे जिले में जाने की अनुमति नहीं है।
उत्तराखंड में बाहरी राज्यों से प्रवेश से पहले सीमा पर वाहनों की कड़ी चेकिंग की जा रही है और इसके साथ ही किसी भी पास की आवाजाही की अनुमति नहीं दी जा रही है. ऐसे में सवाल यह उठता है कि दो ड्रग डीलर देहरादून और हरिद्वार जिले की सीमा लांघकर टिहरी जिले में कैसे घुसे। इनकी जांच नहीं हो रही है या सीमा पर तैनात पुलिसकर्मी चेकिंग में लापरवाही बरत रहे हैं। ऐसे में उत्तराखंड की सभी सीमाओं पर तैनात पुलिसकर्मियों की कार्यशैली पर भी बड़े सवाल उठ रहे हैं।