उत्तराखंड के हर गांव में कोरोना वायरस का संक्रमण बढ़ता ही जा रहा है. ऐसे में उम्मीद कम ही है कि 25 मई के बाद भी उत्तराखंड को कुछ राहत मिलेगी। सरकार पहले कोरोना वायरस संक्रमण के आंकड़ों पर गौर करेगी और उसके बाद ही कुछ छूट देने पर फैसला ले सकती है।
मुख्य सचिव ओमप्रकाश का कहना है कि अगर हर दिन कोरोना वायरस पॉजिटिव मरीजों का आंकड़ा 1000 से नीचे नहीं आता है तो फिर क्या रियायत? उनका साफ कहना है कि यह आंकड़ा 1000 से नीचे आने पर ही रियायत मिलेगी। वहीं, सरकार के प्रवक्ता सुबोध उनियाल का कहना है कि स्थिति अनुकूल नहीं रही तो और सख्ती की जाएगी। कर्फ्यू के बाद उत्तराखंड में संक्रमण की स्थिति पर काबू पा लिया गया है, लेकिन फिर भी सरकार इसमें ढील देने को लेकर आश्वस्त नहीं है।
ऐसा उत्तराखंड के ग्रामीण इलाकों में लगातार बढ़ रहे कोरोना वायरस संक्रमण काल के कारण हुआ है। ऐसे में माना जा रहा है कि 30 मई तक और सख्त रखी जा सकती है. वहीं मुख्य सचिव ओमप्रकाश का कहना है कि उत्तराखंड में अब बाहर से आने वालों को बिना आरटीपीसीआर के निगेटिव रिपोर्ट दाखिल करने की अनुमति नहीं दी जाएगी, इसमें कोई ढील नहीं दी जाएगी। अगर बच्चों में यह संक्रमण फैलता है तो अस्पतालों के आसपास के होटलों का भी अधिग्रहण किया जाएगा। अस्पताल के आसपास के होटलों को कोविड-19 सेंटर के रूप में विकसित किया जाएगा।