उत्तराखंड: चरस तस्करी में पकड़े गए दो पुलिसकर्मी, 8 किलो चरस बरामद
उत्तराखंड में नशा तस्करों की धरपकड़ के लिए अभियान चल रहा है। पुलिस सूबे के साथ-साथ दूसरे प्रदेशों में छिपे तस्करों को भी पकड़-पकड़ कर ला रही है, लेकिन अपने पिथौरागढ़ में तो गजब ही हो रहा था। यहां कोई और नहीं पुलिसवाले ही चरस की तस्करी कर रहे थे। पुलिसकर्मियों के कहने पर तस्करी का धंधा खूब चल रहा था, लेकिन शनिवार को ऊधमसिंहनगर पुलिस ने इस धंधे पर ब्रेक लगा दिया. पुलिस ने पिथौरागढ़ पुलिस लाइन में तैनात दो पुलिसकर्मियों समेत चार लोगों को चरस की तस्करी के आरोप में पकड़ा है. तलाशी के दौरान आरोपी के पास से आठ किलो चरस बरामद किया गया।
आरोपी चंपावत में तैनात एक कांस्टेबल से अलग-अलग निजी कारों में चरस लेकर ऊधमसिंहनगर लाए थे। किच्छा में कोई मुखबिर बन गया और इस तरह पुलिसकर्मियों समेत सभी आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया गया. उधमसिंहनगर एसएसपी ने मामले का खुलासा करने वाली टीम को ढाई हजार रुपये का इनाम देने की घोषणा की है. उधर, पिथौरागढ़ के एसपी सुखबीर सिंह ने दोनों आरोपित पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया है. उन्होंने विभागीय जांच के भी आदेश दिए हैं। इस मामले ने उत्तराखंड पुलिस के लिए मुसीबत खड़ी कर दी है, लेकिन उधमसिंहनगर पुलिस द्वारा अपने ही मातहतों के खिलाफ की गई ईमानदार कार्रवाई के लिए उत्तराखंड पुलिस की तारीफ करनी होगी।
बीते दिन सितारगंज में पुलिस चेकिंग चल रही थी। इसी बीच चरस तस्करी की सूचना पर पुलिस टीम लालपुर मजार की पुलिया पर पहुंची और वहां खड़ी दोनों कारों की तलाशी ली। तलाशी के दौरान एक कार से 1.094 किलो चरस और दूसरी कार से 8 किलो चरस बरामद किया गया। पुलिस ने कार में बैठे दीपक पांडेय, प्रभात सिंह बिष्ट, विपुल शैल और पीयूष खड़ायत से पूछताछ की तो पता चला कि आरोपी दीपक पांडे और प्रभात सिंह बिष्ट पिथौरागढ़ पुलिस लाइन में सिपाही हैं. जबकि विपुल और पीयूष दिल्ली में एमआर हैं।
आरोपियों ने बताया कि वे चंपावत में तैनात एक सिपाही से चरस बेचने ऊधमसिंहनगर आ रहे थे, इन दिनों दोनों आरोपी पुलिसकर्मी छुट्टी पर चल रहे थे। बताया जा रहा है कि जिस कांस्टेबल से चरस खरीदी गई थी वह पूर्व में भी चरस की तस्करी करते पकड़ा जा चुका है। वहीं डीजीपी अशोक कुमार ने कहा है कि पिथौरागढ़ पुलिस के दोनों जवानों को नौकरी से बर्खास्त किया जाएगा। भविष्य में भी यदि कोई पुलिसकर्मी अपराध में लिप्त पाया जाता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।