भाजपा ने बड़ा कदम उठाते हुए काबीना मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत को मंत्रीमंडल से बर्खास्त कर दिया। साथ ही छह साल के लिए पार्टी से भी निष्कासित कर दिया। सीएम पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर आज यह कार्रवाई की गई। हरक पिछले काफी दिनों से विधानसभा चुनाव में मनमाफिक टिकट के लिए दबाव की राजनीति कर रहे थे।
उनके कांग्रेस में शामिल होने की चर्चाओं को देखते हुए आज भाजपा ने यह कदम उठा लिया। अपनी बहु अनुकृति रावत के लिए लैंसडौन सीट से टिकट की मांग खारिज होने से नाराज हरक आज दोपहर दिल्ली रवाना हो गए थे। माना जा रहा था कि हरक कांग्रेस में शामिल हो सकते है।
सूत्रों के अनुसार पार्टी के नेताओं ने हरक से बातचीत का प्रयास भी किया, लेकिन उनके बढ़ते कदमों को थमते न देख भाजपा ने कड़ा फैसला लेने का निर्णय कर लिया। देर रात संपर्क करने पर सीएम कार्यालय ने हरक की मंत्रीमंडल से बर्खास्तगी की पुष्टि की।
भाजपा के अनुशासन की बार बार मखौल उड़ा रहे थे हरक
कैबिनेट मंत्री डॉ हरक सिंह रावत पिछले पाँच सालों से बार बार भारतीय जनता पार्टी के अनुशासन की मखौल उड़ा रहे थे। यही कारण रहा कि अब कांग्रेस में जाने की चर्चाओं के बीच भाजपा को उनके खिलाफ सख्त कदम उठाने को मजबूर होना पड़ा। दरअसल डॉ हरक सिंह रावत पिछले पांच सालों में कई बार पार्टी के लिए असहज स्थिति पैदा कर चुके थे।
भाजपा का कड़ा संदेश
भाजपा के इस फैसले के अनुशासन के लिहाज से कड़ा संदेश माना जा रहा है। पिछले काफी समय से हरक बगावती तेवर अपनाए हुए थे। पिछले दिनों कैबिनेट बैठक में इस्तीफे की धमकी दे चुके रावत लगातार कांग्रेस नेताओं के संपर्क में भी थे। हरक के आगे हर बार घुटने टेकने से खुद भाजपा के भीतर पसंद नहीं किया जा रहा था। हरक को बर्खास्त कर भाजपा ने साफ कर दिया है कि अब वो किसी दबाव में आने वाली नहीं है।