Saturday, July 12, 2025
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देहरादून की 27 बस्तियों के सैकड़ों घर होंगे नेस्तनाबूत, NGT ने दिए निर्देश

देहरादून: यह कार्रवाई अगले दो महीनों में पूरी की जा सकती है। जुलाई में सिंचाई विभाग की टीम ने एनजीटी के निर्देश पर रिस्पना नदी के फ्लड प्लेन जोन का सर्वे किया था। रिस्पना नदी के किनारे बसी 27 बस्तियों में सैकड़ों घर बाढ़ संभावित क्षेत्र में आ रहे हैं। ऐसे में सितंबर के अंत तक इस मुद्दे पर ठोस कार्रवाई की उम्मीद की जा रही है।

Plans to Demolish Hundreds of Houses in Rispana Flood Zone

रिस्पना नदी के किनारे वर्ष 2016 के बाद बने अवैध निर्माणों को हटाने की कार्रवाई के बावजूद सैकड़ों घर अभी भी बाढ़ के खतरे में हैं। एनजीटी के निर्देश पर फ्लड प्लेन जोन की पहचान और नक्शा तैयार किया जा रहा है। बाढ़ संभावित क्षेत्रों में घरों पर लाल निशान लगाए जाएंगे और एनजीटी ने इन निर्माणों को तोड़ने और परिवारों के पुनर्वास के निर्देश दिए हैं। दो महीनों में इस बड़े कदम की संभावना है। जुलाई में सिंचाई विभाग ने एनजीटी के निर्देश पर रिस्पना नदी के फ्लड प्लेन जोन का सर्वे किया, जिसमें अगले 25 और 100 वर्षों की संभावनाओं का विश्लेषण किया गया। नदी के दोनों किनारों पर 50 से 100 मीटर तक के क्षेत्र को अत्यधिक संवेदनशील मानते हुए रिपोर्ट तैयार की गई। बाला सुंदरी मंदिर से लेकर मोथरोवाला और दौड़वाला नौका तक के क्षेत्रों में बाढ़ का खतरा अधिक होने की आशंका जताई गई। इस रिपोर्ट को एनजीटी और जिला प्रशासन को सौंपा गया है।

रिस्पना नदी के दोनों किनारे 50-100 मीटर दूरी पर फ्लड जोन चिह्नित

24 जुलाई को एनजीटी ने रिस्पना के फ्लड प्लेन जोन में स्थित निर्माणों को चिह्नित कर ध्वस्त करने और बस्तियों के निवासियों का पुनर्वास करने के निर्देश दिए। सिंचाई विभाग अब फ्लड प्लेन जोन की सर्वे रिपोर्ट के आधार पर नक्शा तैयार कर रहा है और फ्लड जोन में स्थित निर्माणों पर लाल निशान लगाए जाएंगे। रिस्पना नदी के किनारे 27 बस्तियों में सैकड़ों घर बाढ़ संभावित क्षेत्र में हैं और सितंबर के अंत तक ठोस कार्रवाई की उम्मीद है। सिंचाई विभाग की रुड़की रिसर्च विंग ने रिस्पना नदी के दोनों किनारों पर 50-100 मीटर की दूरी पर फ्लड जोन चिह्नित किए हैं। शिखर फाल से मोथरोवाला दूधली रोड तक 26 किलोमीटर लंबे क्षेत्र में आगामी 25 और 100 वर्षों तक बाढ़ की संभावना को लेकर रिपोर्ट तैयार की गई है। बिंदाल नदी का भी मालसी से डकोटा तक फ्लड जोन निर्धारण किया गया है। दोनों नदियों के किनारों पर अतिक्रमण कर किए गए निर्माण को हटाकर संबंधित लोगों का पुनर्वास किया जाएगा, ताकि वर्षा के दौरान संभावित आपदा से बचा जा सके।

बाढ़ को लेकर सर्वाधिक संवेदनशील क्षेत्र

चीड़ोंवाली खाला, कंडोली, मोहिनी रोड पुल, चूना भट्ठा, अधोईवाला, दीपनगर, ऋषिनगर, बलवीर रोड पुल, वाणी विहार, रामनगर, भगत सिंह कालोनी आदि क्षेत्रों में भविष्य में भीषण बाढ़ का खतरा सर्वाधिक है। शिखर फाल से शुरू होकर दूधली तक जा रही रिस्पना नदी में कुल 27 बस्तियां हैं, जिनमें से कुछ बस्तियों में बेतहाशा अतिक्रमण के कारण नदी की चौड़ाई काफी घट गई है।

Ankur Singh
Ankur Singhhttps://hilllive.in
Ankur Singh is an Indian Journalist, known as the Senior journalist of Hill Live
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