Tuesday, December 23, 2025
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कांग्रेस के राज में नकल माफिया फूले-फले! धामी सरकार ने लगाए ताले; 100 से अधिक नकल माफिया पर नकेल

  • धामी सरकार की पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया का नतीजाः 25 हजार युवाओं को मिला रोजगार

देहरादून: उत्तराखण्ड में पेपर लीक और भर्ती घोटालों पर राजनीति गर्म है। लेकिन सच्चाई ये है कि नकल का ये काला तंत्र नया नहीं, बल्कि कांग्रेस राज की देन है। दरोगा भर्ती से लेकर पटवारी भर्ती और फिर अधीनस्थ सेवा चयन आयोग तक, कांग्रेस सरकारों ने युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया। मगर इस तंत्र का पटाक्षेप हुआ सीएम पुष्कर सिंह धामी के कार्यकाल में। आइए, देखते हैं ये रिपोर्ट..

उत्तराखण्ड में पेपर लीक के काले कारोबार की जड़ें कांग्रेस की पहली सरकार में ही गहरी हो चुकी थी। सबसे पहला और बड़ा भर्ती घोटाला दरोगा भर्ती के रूप में सामने आया, योग्य युवाओं का भविष्य बर्बाद कर दिया गया। इतना ही नहीं, पटवारी भर्ती में तो और भी बड़ा घोटाला सामने आया।

कांग्रेस ने जिस अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) की आड़ में धामी सरकार पर सवाल उठाने की कोशिश की, उसी आयोग का गठन कांग्रेस ने किया था और उसके अध्यक्ष बनाए गए RBS रावत, वही शख्स जिन्हें धामी सरकार ने जेल भेजा। रावत के कार्यकाल में भर्ती परीक्षाओं के पेपर खुलेआम लीक होते रहे और नौकरियां चहेतों में बांटी जाती रहीं।

ये कार्यकाल कांग्रेस का ही था, जब हाकम सिंह जैसे माफिया युवाओं के भविष्य से सौदेबाज़ी करते रहे। पेपर लीक कर नौकरियों की खरीद-फरोख्त की गई और जब मामला खुला, तो कांग्रेस सरकार ने उस पर दर्ज मुकदमों को वापस लेकर माफियाओं को और ताकत दी।

लेकिन तस्वीर बदली सीएम पुष्कर सिंह धामी के आने के बाद। धामी सरकार ने भर्ती घोटाले के इस काले तंत्र पर अब तक का सबसे बड़ा प्रहार किया।

RBS रावत और हाकम सिंह जैसे बड़े चेहरे सलाखों के पीछे पहुंचे, 100 से अधिक नकल माफिया जेल की हवा खा रहे हैं। इसके साथ ही उत्तराखण्ड में देश का सबसे सख़्त नकल विरोधी क़ानून लागू किया गया। यही नहीं, पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया लागू कर अब तक 25 हज़ार से अधिक युवाओं को रोज़गार दिया गया।

यानी, जिस कांग्रेस ने युवाओं का भविष्य गिरवी रखकर नकल माफिया को पनाह दी, उसी कांग्रेस के पेपर चोरी के नारे अब उसके अपने गड़े मुर्दे उखाड़ रहे हैं। और सीएम धामी के नेतृत्व में आज उत्तराखण्ड में भर्ती सिस्टम पारदर्शी होकर युवाओं को न्याय दिला रहा है।

धामी सरकार का दावा साफ़ है – अब उत्तराखण्ड में नकल का काला तंत्र नहीं, पारदर्शिता और योग्यता के आधार पर नौकरियां मिलेंगी। और विपक्षी चाहे जितना शोर मचाए, प्रदेश की जनता जानती है कि पिछले 4 वर्षों में भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शी व्यवस्था लागू की गयी है।

Ankur Singh
Ankur Singhhttps://hilllive.in
Ankur Singh is an Indian Journalist, known as the Senior journalist of Hill Live
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