Friday, October 17, 2025
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जिले के प्रभारी मंत्री सुबोध उनियाल ने की आपदा राहत एवं पुनर्वास कार्यों की समीक्षा

नदी, नाले व प्राकृतिक ड्रेनेज से न हो छेडछाड, अवैध निर्माण करें प्रतिबंधित।

भविष्य की आपदाओं से बचाव को उठाए एहतियाती कदम, वनरेबल क्षेत्रों को करें चिन्हित-मंत्री।

विकट परिस्थितियों में संवेदनशीलता से प्रभावितों को राहत पहुंचाने के लिए मंत्री ने जिला प्रशासन के कार्यों को सराहा।

कैबिनेट मंत्री एवं जनपद के प्रभारी मंत्री सुबोध उनियाल ने सोमवार देर शाम को ऋषिपर्णा सभागार में जिला स्तरीय अधिकारियों की बैठक लेते हुए जिले में आपदा से हुए नुकसान एवं पुनर्वास कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने राहत एवं पुनर्वास कार्यो को प्राथमिकता से पूरा करने पर जोर दिया। इस दौरान जिलाधिकारी सविन बंसल ने मा0 मंत्री को जनपद में आपदा से हुई क्षति एवं राहत कार्यो के बारे में विस्तार से जानकारी दी।

मा0 मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार हर आपदा प्रभावित के साथ खडी है। जनता की सुरक्षा एवं सुविधाएं सर्वोच्च प्राथमिकता है। जिला प्रशासन ने कठिन परिस्थितियों में जिस तत्परता एवं संवेदनशीलता के साथ राहत कार्य किए है, वह सराहनीय है। उन्होंने संवेदनशील क्षेत्रों को चिन्हित करने पर जोर देते हुए भविष्य में आपदा से क्षति को कम करने हेतु ठोस कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए।

मा0 मंत्री ने कहा कि आपदा प्रभावित क्षेत्रों में सड़क, पेयजल, विद्युत, खाद्यान्न और स्वास्थ्य सेवाओं को प्राथमिकता पर बहाल किया जाए। नदी, नाले एवं अन्य वनरेबल क्षेत्रों में स्थित बसावटों का चिन्हीकरण किया जाए और भविष्य की आपदाओं से बचाव हेतु एहतियाती कदम उठाए जाए। उन्होंने निर्देशित किया कि नदी नालें एवं प्राकृतिक ड्रेनेज क्षेत्रों में किसी भी प्रकार के निर्माण को प्रतिबंधित किया जाए। अवैध कब्जा हटाने के लिए प्रशासनिक स्तर से ठोस कार्यवाही अमल में लाई जाए।

मा0 मंत्री ने आपदा प्रभावित क्षेत्रों में सड़क, पेयजल और विद्युत जैसी मूलभूत सुविधाओं की स्थायी व्यवस्था को भी शीघ्र बहाल करने के निर्देश दिए। प्रभावित लोगों को भवन, भूमि, जनहानि, पशु हानि एवं फसलों की क्षति संबंधी सहायता राशि का शत प्रतिशत वितरण सुनिश्चित करने को कहा।

जिलाधिकारी सविन बंसल ने मा0 मंत्री को जनपद में आपदा एवं राहत कार्यो के बारे में विस्तार से अवगत कराया। बताया कि 15 व 16 सितंबर को हुई अतिवृष्टि के कारण 31 लोगों की मृत्यु, 03 घायल और 01 व्यक्ति लापता हुआ है। आपदा से 95 पक्के भवनों को आंशिक क्षति, 38 पक्के भवनों को पूर्ण क्षति, 41 कच्चे आंशिक सहित 06 गौशाला क्षतिग्रस्त हुई है। स्वास्थ्य विभाग के 07 केंद्र, पेयजल निगम की 11, जल संस्थान की 38 और सिंचाई की 57 योजनाएं क्षतिग्रस्त हुई है। लोनिवि के 150 मार्ग, 13 पुलिया, 04 कलवट क्षतिग्रस्त हुए है। पीएमजीएसवाई की 54 सड़कों को नुकसान पहुंचा है। कृषि में 39 गांव की 182.71 है0 भूमि प्रभावित हुई है। वन विभाग की 40 पुलिया क्षतिग्रस्त हुई है। विभागों द्वारा क्षति का आकलन किया जा रहा है। जिलाधिकारी ने आपदा प्रभावित गांव फूलेत व छमरौली में सड़के अवरूद्व होने पर हेली से बीमार लोगों का रेस्क्यू करने के साथ राशन व राहत सामग्री भेजी गई। जिलाधिकारी ने बताया कि सभी क्षेत्रों में विद्युत व पेयजल के साथ सड़क कनेक्टिविटी को अभी अस्थायी तौर पर कर दिया गया है। विभागों द्वारा स्थायी व्यवस्था बनाने के लिए भी काम शुरू कर दिया गया है।

बैठक में जिलाधिकारी सविन बंसल, अपर जिलाधिकारी (वि.रा) केके मिश्रा, सिटी मजिस्ट्रेट प्रत्यूष सिंह, परियोजना निदेशक विक्रम सिंह, डीडीओ सुनील कुमार, डीडीएमओ ऋषभ कुमार, डीआईओ एनआईसी अंकुश पांडेय सहित लोनिवि, पीएमजीएसवाई, विद्युत, पेयजल, कृषि, सिंचाई, उद्यान आदि विभागों के नोडल अधिकारी उपस्थित थे।

Ankur Singh
Ankur Singhhttps://hilllive.in
Ankur Singh is an Indian Journalist, known as the Senior journalist of Hill Live
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