Thursday, June 26, 2025
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पहला अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन जलवायु परिवर्तन, संसाधन, जैव विविधता और पर्यावरणीय चुनौतियाँ (CCRREC-2025): सतत विकास के लिए मुद्दे और रणनीतियाँ विषय पर 22 से 26 जून, 2025 तक थाईलैंड के बैंकॉक स्थित ग्रैंड हॉवर्ड होटल में आयोजित किया गया

यह सम्मेलन भारत के एच.एन.बी. गढ़वाल विश्वविद्यालय और थाईलैंड के सुआन सुनंदा राजाभाट विश्वविद्यालय, बैंकॉक की संयुक्त अध्यक्षता से संपन्न हुआ।

नीलम थपलियाल, प्रधानाचार्या, डीपीएस ऋषिकेश, भारत को इस सम्मेलन के दौरान प्रतिष्ठित डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम ग्रीन एनवायरनमेंट प्रमोशन अवार्ड से सम्मानित किया गया।

थपलियाल पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में निरंतर सक्रिय हैं। उन्होंने अपने विद्यालय परिसर और निवास क्षेत्र के आस-पास अनेक पौधों का रोपण कर हरियाली को बढ़ावा दिया है। वे ‘धाद’ नामक एक संस्था से जुड़ी हुई हैं, जो उत्तराखंड में हरियाली के पुनरुद्धार हेतु समर्पित है। यह संस्था पहाड़ी माल्टा, आड़ू, चेरी, पुलम आदि जैसे स्थानीय फलों के वृक्षारोपण को प्रोत्साहित कर पारिस्थितिक संतुलन एवं रोज़गार को पुनर्जीवित करने का कार्य कर रही है।

यह सम्मान मुख्य अतिथि प्रो. डॉ. थवातचाई कमोलथम, निदेशक, कैनाबिस हेल्थ साइंस एवं मेडिकल हर्ब्स प्रोग्राम, सुआन सुनंदा राजाभाट विश्वविद्यालय, और प्रो. (डॉ.) सोमदेच रुंग्स्रीसावात, डीन, कॉलेज ऑफ एलाइड हेल्थ साइंसेज़, सुआन सुनंदा राजाभाट विश्वविद्यालय, बैंकॉक, थाईलैंड द्वारा प्रदान किया गया।
1st International Conference on Climate Change, Resources, Bio-Diversity & Environmental Challenges (CCRREC-2025)
विषय: सतत विकास के लिए मुद्दे और रणनीतियाँ
स्थान: ग्रैंड हॉवर्ड होटल, बैंकॉक, थाईलैंड
तिथि: 22 से 26 जून, 2025

यह अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन भारत के एच.एन.बी. गढ़वाल विश्वविद्यालय और सुआन सुनंदा राजभात विश्वविद्यालय, बैंकॉक, थाईलैंड के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया गया।

डीपीएस ऋषिकेश की प्रधानाचार्या श्रीमती नीलम थपलियाल को इस अवसर पर डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम ग्रीन एनवायरनमेंट प्रमोशन अवार्ड से सम्मानित किया गया। यह सम्मान उन्हें पर्यावरण संरक्षण एवं जागरूकता के क्षेत्र में उनके उत्कृष्ट योगदान हेतु प्रदान किया गया।

श्रीमती थपलियाल ने अपने विद्यालय परिसर एवं निवास क्षेत्र के आसपास सैकड़ों पौधों का रोपण कर पर्यावरण के संरक्षण में विशेष योगदान दिया है। वे उत्तराखंड की एक सामाजिक संस्था ‘धाद’ से भी जुड़ी हुई हैं, जो पारंपरिक फल प्रजातियों के संरक्षण एवं पुनर्जीवन के लिए सक्रिय है। संस्था का कार्य पहाड़ी माल्टा, आड़ू, चेरी, पुलम आदि देशज फलों के वृक्षारोपण को प्रोत्साहित करना है, जिससे जैव विविधता एवं पारिस्थितिक संतुलन बनाए रखने में मदद मिलती है।

सम्मेलन में मुख्य अतिथि प्रो. डॉ. थवातचाई कमोलथम (निदेशक, कैनाबिस हेल्थ साइंस एवं मेडिकल हर्ब्स प्रोग्राम) एवं प्रो. (डॉ.) सोमदेच रुंग्स्रीसावात (डीन, कॉलेज ऑफ एलाइड हेल्थ साइंसेज़, सुआन सुनंदा राजभात विश्वविद्यालय, बैंकॉक) ने उन्हें यह पुरस्कार प्रदान किया

Ankur Singh
Ankur Singhhttps://hilllive.in
Ankur Singh is an Indian Journalist, known as the Senior journalist of Hill Live
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