Tuesday, June 3, 2025
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मौली संवाद: नेशनल स्पोर्ट्स विज़न कॉन्क्लेव के सातवें दिन खेल, डिजिटल पहचान और ब्रांडिंग पर महत्वपूर्ण चर्चा

देहरादून: 38वें राष्ट्रीय खेलों के तहत आयोजित “मौली संवाद: नेशनल स्पोर्ट्स विज़न कॉन्क्लेव” के सातवें दिन खेल, डिजिटल दुनिया और व्यक्तिगत ब्रांडिंग से जुड़े महत्वपूर्ण विषयों पर गहन चर्चा हुई। इस दौरान खेल जगत के दिग्गजों, विशेषज्ञों और डिजिटल क्रिएटर्स ने अपने अनुभव साझा किए और युवाओं को नई दिशा प्रदान की।

युवा एथलीट्स के लिए दोहरी करियर संभावनाएं
सम्मेलन के पहले सत्र की मेजबानी आई.ओ.ए प्रेस अटैची और खेल पत्रकार जी. राजारामन ने की। इस चर्चा में एनडीटीवी की सलाहकार खेल संपादक रीका रॉय, योगासन फेडरेशन के अध्यक्ष उदित सेठ, और अर्जुन पुरस्कार विजेता, भारतीय एथलीट मुरली श्रीशंकर ने भाग लिया।

रीका रॉय ने खासतौर पर युवा खिलाड़ियों, खासकर लड़कियों के दोहरी करियर को लेकर विचार साझा किए और बताया कि किस तरह खेल और शिक्षा में संतुलन बनाना जरूरी है। उन्होंने मेंटरशिप की भूमिका पर भी जोर दिया और बताया कि माता-पिता और कोच का समर्थन किसी भी खिलाड़ी के करियर में अहम भूमिका निभाता है।

उदित सेठ ने खेल प्रशासन की बारीकियों पर चर्चा की और बताया कि एथलीट्स को किस तरह राष्ट्रीय महासंघों की सहायता से अपने करियर को संवारने के अवसर मिलते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि आज की युवा पीढ़ी सोशल मीडिया पर अधिक निर्भर हो गई है, जिससे उनके सामाजिक जीवन और कौशल पर असर पड़ रहा है।

मुरली श्रीशंकर ने अपने करियर के अनुभव साझा करते हुए समय प्रबंधन, रुचि, धन प्रबंधन और निवेश की महत्ता पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि कंटेंट क्रिएशन कैसे खेल जगत में प्रभाव डाल रहा है। इस दौरान रीका रॉय ने मानसिक दबाव, आत्म-संदेह और आत्म-सम्मान की कमी जैसी समस्याओं को लेकर भी चर्चा की, जिनका आज के युवा खिलाड़ियों को सामना करना पड़ रहा है।
इस सत्र के अंत में विनय मित्तल, जो दीपाली डिज़ाइन्स एंड एग्ज़िबिट्स प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक हैं, ने अपनी राय साझा की और सभी गणमान्य अतिथियों को सम्मानित किया।

डिजिटल दुनिया में प्रभावशाली पहचान बनाने पर चर्चा
दूसरे सत्र में डिजिटल प्लेटफॉर्म पर अपनी पहचान स्थापित करने के तरीकों को लेकर चर्चा हुई। इस सत्र का संचालन अमलान दास, जो ग्रांट थॉर्नटन भारत एलएलपी के सलाहकार हैं, ने किया। चर्चा में प्रसिद्ध मुक्केबाज और अर्जुन पुरस्कार विजेता स्वीटी बूरा, तैराक और यूट्यूबर सानुज श्रीवास्तव, यूट्यूब के रणनीतिक साझेदारी प्रबंधक भारत गंगाधरण, और खेल प्रसारक अमीषा घोष ने भाग लिया।

स्वीटी बूरा ने अपनी यात्रा के बारे में बताते हुए कहा कि उन्होंने कैसे मुक्केबाजी में अपने करियर की शुरुआत की और बाद में सोशल मीडिया पर अपनी एक अलग पहचान बनाई। उन्होंने बताया कि कंटेंट क्रिएशन उनके जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुका है और यह किसी भी एथलीट के लिए अपनी पहचान बनाने का बेहतरीन माध्यम हो सकता है।

सानुज श्रीवास्तव ने अपनी कहानी साझा करते हुए बताया कि कैसे उन्होंने 2016 में तैराकी छोड़ने के बाद यूट्यूब पर कंटेंट बनाना शुरू किया। उन्होंने युवाओं को सलाह दी कि उनकी सामग्री हमेशा प्रामाणिक और मौलिक होनी चाहिए, ताकि लोग उस पर भरोसा कर सकें।

भारत गंगाधरण ने बताया कि डिजिटलीकरण किस तरह दुनिया को बदल रहा है और सोशल मीडिया न केवल मनोरंजन बल्कि शिक्षा और प्रेरणा का भी एक बड़ा जरिया बन गया है। उन्होंने यूट्यूब एनालिटिक्स के बारे में जानकारी दी और बताया कि डिजिटल प्लेटफॉर्म कैसे किसी के हुनर और करियर को निखार सकते हैं।

अमीषा घोष ने सोशल मीडिया मार्केटिंग के महत्व पर प्रकाश डाला और बताया कि किस तरह उन्होंने खुद एक क्रिकेटर बनने का सपना देखा था, लेकिन परिस्थितियों के कारण वह उस राह पर नहीं जा सकीं। हालांकि, उन्होंने खेलों में रुचि बनाए रखी और अब एक खेल प्रसारक के रूप में अपनी पहचान बना चुकी हैं।
सत्र के अंत में स्विटी बूरा ने छात्रों को प्रेरित किया और बताया कि सफलता के लिए कर्म और लक्ष्य दोनों का संतुलन जरूरी है। कार्यक्रम के समापन पर अकांक्षा और योगेश ने सभी वक्ताओं को सम्मानित किया।

एथलीट्स के लिए ब्रांडिंग और फैशन सहयोग पर चर्चा
तीसरे सत्र का संचालन वरिष्ठ पत्रकार सुमति महरिशी ने किया। इस सत्र में मुख्य रूप से खेल जगत में व्यक्तिगत ब्रांडिंग और फैशन सहयोग के महत्व पर चर्चा हुई। प्रमुख वक्ताओं में अर्जुन पुरस्कार विजेता बॉक्सर स्वीटी बूरा, ओलंपियन भारोत्तोलक जेरेमी, और सेलिब्रिटी स्टाइलिस्ट अदिति खन्ना शामिल रहीं।

स्वीटी बूरा ने कहा कि ब्रांडिंग किसी भी एथलीट के लिए उतनी ही महत्वपूर्ण है जितनी उसकी कड़ी मेहनत। उन्होंने बताया कि व्यक्तिगत ब्रांडिंग न केवल एक खिलाड़ी की पहचान बनाती है बल्कि उसे अधिक अवसर भी प्रदान करती है।

ओलंपियन जेरेमी ने अपने पूर्वोत्तर भारत की संस्कृति के बारे में चर्चा की और बताया कि कैसे एथलीट्स फैशन और ब्रांडिंग के जरिए अपनी पहचान बना सकते हैं।

अदिति खन्ना, जो एक मशहूर सेलिब्रिटी स्टाइलिस्ट हैं, ने व्यक्तित्व विकास और फैशन सहयोग के बारे में बात की। उन्होंने बताया कि किसी भी खिलाड़ी को अपनी ब्रांड वैल्यू बढ़ाने के लिए खुद को बेहतर तरीके से प्रस्तुत करना आना चाहिए।

सत्र के अंत में सभी गणमान्य अतिथियों को सम्मानित किया गया।

मौली संवाद के इन सत्रों ने न केवल खेल और करियर पर महत्वपूर्ण चर्चा की, बल्कि युवाओं को डिजिटल पहचान बनाने और व्यक्तिगत ब्रांडिंग के महत्व को समझने का भी अवसर दिया। यह सम्मेलन युवा एथलीट्स और छात्रों के लिए बेहद ज्ञानवर्धक और प्रेरणादायक रहा, जिससे उन्हें अपने करियर को सही दिशा देने में सहायता मिलेगी

Ankur Singh
Ankur Singhhttps://hilllive.in
Ankur Singh is an Indian Journalist, known as the Senior journalist of Hill Live
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