Sunday, June 15, 2025
spot_img
spot_img
Homeउत्तराखंडकेदारनाथ धाम में फ्री वाई फाई से श्रद्धालु गदगद, उठा रहे वीडियो...

केदारनाथ धाम में फ्री वाई फाई से श्रद्धालु गदगद, उठा रहे वीडियो कॉल का लुत्फ, परिजनों को भी करा रहे दर्शन

रुद्रप्रयाग: चारधाम यात्रा में आ रहे देश-विदेश के श्रद्धालुओं की सुविधाओं का जिला प्रशासन ख्याल रख रहा है. इसको लेकर प्रशासन लगातार नए प्रयास कर रहा है. देश की सबसे कठिन पैदल यात्राओं में से एक केदारनाथ धाम यात्रा ने इस दिशा में नई कीर्तिमान स्थापित किया है. केदारपुरी में दर्शन को पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को अब फ्री वाईफाई की सुविधा मिलने लगी है. शनिवार को इसका सफल ट्रायल होने के बाद यह सुविधा श्रद्धालुओं को समर्पित कर दी गई. बाबा के दर्शनों को पहुंचे श्रद्धालुओं ने इस पर खुशी जाहिर करते हुए सरकार और जिला प्रशासन को इसके लिए आभार जताया है.

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के मार्गदर्शन और जिलाधिकारी डॉ. सौरभ गहरवार की पहल पर आपदा की दृष्टि से अति संवेदनशील रुद्रप्रयाग जिले ने एक ऐतिहासिक पहल करते हुए अपना स्वयं का मोबाइल नेटवर्क स्थापित किया है. इस नेटवर्क को ‘डिस्ट्रिक्ट डिजास्टर रिसोर्स नेटवर्क’ नाम दिया गया है. यह नेटवर्क न केवल आपदा या किसी भी विकट परिस्थिति में लगातार संचालित रहेगा. बल्कि इसमें मोबाइल डाटा, वॉयस कॉलिंग और हाई क्वालिटी सीसीटीवी विजुअल्स की भी सुविधा उपलब्ध है. इसी रिसोर्स नेटवर्क के तहत श्रद्धालुओं को अब फ्री वाईफाई की सुविधा मिलने लगी है.

इससे धाम पहुंच रहे श्रद्धालु अपने परिजनों को वीडियो कॉल के माध्यम से बाबा केदार के दर्शन करवा रहे हैं. जिससे उनके परिजनों में भी खुशी देखने को मिल रही है. प्रशासन के नए-नए प्रयासों की श्रद्धालु प्रशंसा कर रहे हैं और केदार बाबा के दरबार से अच्छा संदेश लेकर जा रहे हैं.

मुख्य विकास अधिकारी डॉ. जीएस खाती ने बताया कि वाईफाई का फायदा उठाने के लिए वाईफाई सेटिंग पर जाकर अपना मोबाइल नंबर पंजीकृत करना होगा. जिसके बाद एक ओटीपी मोबाइल नंबर पर आएगा. जिसे भरने के बाद आधे घंटे तक हाई स्पीड वाई फाई का लाभ उठाया जा सकता है.

देश का पहला मॉडल: रुद्रप्रयाग देश का पहला जिला बन गया है, जिसके पास अपना अलग और संपूर्ण मोबाइल नेटवर्क है. जुलाई 2024 में केदारनाथ पैदल मार्ग पर आई आपदा के दौरान जब अन्य मोबाइल नेटवर्क पूरी तरह ठप हो गए थे. तब यही नेटवर्क यात्रियों, मजदूरों और रेस्क्यू टीमों के लिए जीवन रेखा बना. इससे रास्ते में फंसे लोगों ने अपने घरों से संपर्क किया और राहत एवं बचाव कार्यों में भी अत्यंत मदद मिली.

Ankur Singh
Ankur Singhhttps://hilllive.in
Ankur Singh is an Indian Journalist, known as the Senior journalist of Hill Live
RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular