Monday, June 16, 2025
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ऐसे पहुंचें चारधाम, ये है रूट मैप, एक बार देख लेंगे तो सब कुछ समझ में आ जाएगा

देहरादून:उत्तराखंड की बहुप्रतीक्षित चारधाम यात्रा शुरू हो गई है. बुधवार 30 अप्रैल 2025 को अक्षय तृतीया पर सबसे पहले उत्तरकाशी जिले में स्थित गंगोत्री धाम के कपाट ग्रीष्मकाल के लिए खोले गए. इसके थोड़ी देर बाद मां यमुना के कपाट भी श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोले गए. शुक्रवार 2 मई को केदारनाथ धाम के कपाट खोले जाएंगे. 4 मई को बदरीनाथ धाम के कपाट भी खोल दिए जाएंगे. इसके साथ ही उत्तराखंड की विश्व प्रसिद्ध चारधाम यात्रा पूरी तरह से शुरू हो जाएगी.

चारधाम यात्रा रूट मैप:आइए हम आपको चारधाम यात्रा का पूरा रूट मैप और रजिस्ट्रेशन के साथ हेल्प लाइन नंबरों के बारे में विस्तार से बताते हैं. उत्तराखंड की चारधाम यात्रा हरिद्वार से शुरू होती है. हरिद्वार यानी हरि का द्वार. उत्तराखंड को चूंकि देवभूमि कहते हैं तो हरिद्वार से चारधाम की यात्रा शुरू होकर ऋषिकेश पहुंचती है. यहां से सबसे पहले उत्तरकाशी जिले में स्थित यमुनोत्री धाम के दर्शन को पहुंचा जाता है. यमुनोत्री धाम के दर्शन के बाद गंगोत्री धाम के दर्शन किए जाते हैं. गंगोत्री धाम भी उत्तरकाशी जिले में ही स्थित है.

सबसे पहले यमुनोत्री धाम के दर्शन करते हैं:यमुनोत्री और गंगोत्री धामों के दर्शन के बाद बारी है बाबा केदार के धाम केदारनाथ के दर्शनों की. केदारनाथ जाने के लिए ऋषिकेश से रास्ता है. केदारनाथ के दर्शन करने के बाद बदरीनाथ धाम पहुंचा जाता है. बदरीनाथ धाम के दर्शन करते ही उत्तराखंड की चारधाम यात्रा संपन्न हो जाती है.

उत्तरकाशी में हैं यमुनोत्री और गंगोत्री धाम:यात्रा रूट और दूरी की बात करें तो अगर आप दिल्ली से आ रहे हैं आपको करीब 220 किलोमीटर की दूरी तय करके सबसे पहले हरिद्वार पहुंचना होगा. हरिद्वार से ऋषिकेश जाएंगे जिसकी हरिद्वार से दूरी सिर्फ 25 किलोमीटर है. हरिद्वार और ऋषिकेश दोनों जगह से देहरादून होते हुए बड़कोट और जानकीचट्टी के रास्ते यमुनोत्री धाम पहुंचा जाता है. यमुनोत्री दर्शन करने के बाद बड़कोट आकर फिर उत्तरकाशी होते हुए गंगोत्री धाम जाते हैं.

बदरीनाथ में संपन्न होती है चारधाम यात्रा:केदारनाथ धाम जाने के लिए ऋषिकेश से देवप्रयाग, श्रीनगर होते हुए रुद्रप्रयाग जाते हैं. रुद्रप्रयाग से रोड दो तरफ को कटती है. अलकनंदा पार करके मंदाकिनी के किनारे होते हुए केदारनाथ को जाते हैं. इधर अलकनंदा के किनारे होते हुए कर्णप्रयाग से चमोली को जाते हैं. रुद्रप्रयाग से गुप्तकाशी और गौरीकुंड होते हुए केदारनाथ पहुंचा जाता है. रुद्रप्रयाग से कर्णप्रयाग, चमोली और जोशीमठ होते हुए बदरीनाथ धाम पहुंचते हैं.

चारधाम यात्रा 2025 रजिस्ट्रेशन:चारधाम यात्रा के लिए दो तरह से रजिस्ट्रेशन हो रहे हैं. इनमें ऑनलाइन और ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन हैं. ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन आप घर बैठे कर सकते हैं. ऑफाइनल रजिस्ट्रेशन के लिए 60 से ज्यादा सेंटर बनाए गए हैं. देहरादून में 30 सेंटर, हरिद्वार में 20 सेंटर और ऋषिकेश में 20 सेंटरों के साथ ही चारधाम यात्रा रूट में कई जगह ऑफलाइन सेंटर बनाए गए हैं. रजिस्ट्रेशन के लिए जरूरी कागजात में आईडी प्रूफ, ताजा फोटो और मेडिकल सर्टिफिकेट प्रमुख हैं.

यहां चेक हो रहे हैं रजिस्ट्रेशन:जब आप चारधाम यात्रा के लिए पहुंचेंगे तो यमुनोत्री जाने वाले श्रद्धालुओं के रजिस्ट्रेशन बड़कोट में चेक हो रहे हैं. गंगोत्री धाम जाने वाले श्रद्धालुओंके कागज हीना में चेक हो रहे हैं. केदारनाथ के दर्शन को जाने वाले श्रद्धालुओं के रजिस्ट्रेशन सोनप्रयाग में चेक हो रहे हैं. बदरीनाथ जाने वाले श्रद्धालुओं के कागजात पांडुकेश्वर में चेक हो रहे हैं.

Ankur Singh
Ankur Singhhttps://hilllive.in
Ankur Singh is an Indian Journalist, known as the Senior journalist of Hill Live
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