हल्द्वानी: नैनीताल जिले के काठगोदाम थाना क्षेत्र में तैनात उत्तराखंड पुलिस के दरोगा को इंग्लिश में तहरीर पढ़ने नहीं आई तो दरोगा जी ने पीड़ित को हिंदी में तहरीर लेकर आने को हिदायत दे डाली. इसके बाद पीड़ित हिंदी में तहरीर लिखकर थाने पहुंचा. जिसके बाद थाने में बैठे पुलिस कर्मियों ने वीआईपी ड्यूटी का हवाला देते हुए उसे वापस लौटा दिया. पीड़ित दो दिनों तक थाने का चक्कर काटता रहा लेकिन उसकी सुनवाई नहीं हुई.
दरअसल, गोपाल दीक्षित काठगोदाम थाने के पास स्थित आयकर विभाग में टैक्स असिस्टेंट हैं. उन्होंने बताया वह मंगलवार शाम रोज की तरह अपने घर के पास टहल रहे थे, इस दौरान बाइक सवार दो लोगों ने उनके पैर पर टक्कर मार दी. इसके बाद आरोपी उनसे बहस करने लगे. कुछ देर बाद उनके मोहल्ले में आकर आरोपी युवकों ने उनके साथ लाठी से मारपीट कर दी. किसी तरह उन्होंने अपनी जान बचाई. इसके बाद वह अपने सहयोगियों के साथ काठगोदाम थाने पहुंचे. जहां उन्होंने अंग्रेजी में शिकायत लिखी तहरीर दी, मगर दरोगा जी ने अंग्रेजी में लिखी शिकायत को नहीं पढ़ा. उन्होंने तहरीर को हिन्दी में लिखकर लाने के लिए कहा.
दूसरे दिन वह हिंदी में शिकायत लिखकर फिर काठगोदाम थाने में पहुंचे. आरोप है कि थाने में महिला पुलिस कर्मियों ने उनको यह कहकर वापस लौटा दिया कि आज बुधवार और गुरुवार को सभी पुलिसकर्मी उप राष्ट्रपति के कार्यक्रम की वीआईपी ड्यूटी में गए हैं, इसलिए वह शुक्रवार को अपनी शिकायत लेकर थाने में आएं. पीड़ित ने बताया पुलिस मुकदमा दर्ज करने के नाम पर दौड़ा रही है. उनको अभी भी आरोपियों को से खतरा बना हुआ है.
इस पूरे मामले में काठगोदाम थाना प्रभारी विमल मिश्रा का कहना है पीड़ित ने चेकिंग के दौपरान दरोगा को तहरीर दी. जिस पर दरोगा ने तहरीर थाने में देने के लिए कहा था. पीड़ित द्वारा थाने में अभी तक कोई तहरीर नहीं दी गई है. तहरीर मिलने पर मामला दर्ज कर आगे कार्रवाई की जाएगी.